स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद के पत्र – कुमारी मेरी हेल को लिखित (17 जून, 1895)

(स्वामी विवेकानंद का कुमारी मेरी हेल को लिखा गया पत्र)
(भोजपत्र पर लिखा पत्र)

पर्सी, नार्थ हिल,
१७ जून, १८९५

प्रिय बहन,

कल मैं कुमारी डचर, सहस्रद्वीपोद्यान न्युयार्क के यहाँ जा रहा हूँ। तुम इन दिनों कहाँ हो? ग्रीष्म में तुम सब कहाँ रहोगी। अगस्त में मुझे यूरोप जाने की संभावना है। जाने से पहले मैं मिलने आऊँगा। इसलिए मुझे पत्र दो। भारत से किताबों और पत्रों की भी आशा करता हूँ। कृपया उन्हें कुमारी फिलिप्स, १९ पश्चिम ३८वाँ रास्ता, न्यूयार्क के पते पर भेज दो। यह वही छाल है, जिस पर भारत में सभी धर्म ग्रन्थ लिखे जाते हैं। इसलिए मैं संस्कृत में लिख रहा हूँ : उमा-पति (शिव) सदा तुम्हारी रक्षा करें।

तुम सबों का सदा शुभ हो –
विवेकानन्द

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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