स्वामी विवेकानंद के पत्र – कुमारी मेरी हेल को लिखित (31 अगस्त, 1894)
(स्वामी विवेकानंद का कुमारी मेरी हेल को लिखा गया पत्र)
द्वारा श्रीमती बैग्ली,
एनिसक्वाम,
३१ अगस्त, १८९४
प्रिय बहन,
मद्रास के लोगों का पत्र कल के ‘बोस्टन ट्रान्सक्रिप्ट’ में प्रकाशित हुआ था। मैं उसकी एक प्रति तुम्हारे पास भेजना चाहता हूँ। तुमने इसको शिकागो के किसी समाचारपत्र में देखा होगा। मेरा विश्वास है कि ‘कुक एण्ड सन्स’ के यहाँ मेरी कुछ डाक होगी – मैं यहाँ कम से कम आगामी मंगलवार तक रहूँगा, इस दिन मुझे यहाँ एनिसक्वाम में भाषण करना है।
कृपया ‘कुक’ के यहाँ मेरी डाक के सम्बन्ध में पूछ-ताछ करो और उसे एनिसक्वाम भेज दो। मुझे तुम्हारा कुछ दिनों तक कोई समाचार नहीं मिला। मैंने कल मदर चर्च को दो चित्र भेजे हैं, आशा है कि तुम उन्हें पसन्द करोगी। भारत की डाक के लिए मैं चिन्तित हूँ। सब के लिए प्यार के साथ –
तुम्हारा सदैव स्नेही भाई,
विवेकानन्द
पुनश्च – चूँकि मैं यह नहीं जानता था कि तुम कहाँ हो, कुछ अन्य वस्तुओं को, जो तुम्हारे पास भेजना चाहता था, नहीं भेज सका।
वि.