स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद के पत्र – श्री फांसिस लेगेट को लिखित (31 जुलाई, 1895)

(स्वामी विवेकानंद का श्री फांसिस लेगेट को लिखा गया पत्र)

द्वारा कुमारी डचर,
सहस्रद्वीपोद्यान, न्यूयार्क,
३१ जुलाई, १८९५

प्रिय मित्र,

इसके पहले भी मैं आपको एक पत्र लिख चुका हूँ। लेकिन मुझे डर है कि उसे सावधानी से डाक में नहीं डाला गया है। इसलिए यह दूसरा पत्र लिख रहा हूँ।

मैं १४ तारीख़ के पहले ही समय से आ जाऊँगा। मुझे ११ तारीख़ के पहले ही न्यूयार्क पहुँचना है, किसी भी हालत में। इसलिए तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।

मैं आपके साथ पेरिस जाऊँगा। क्योंकि आपके साथ जाने का मुख्य उद्देश्य ही है, आपको विवाहित देखना। जब आप लोग भ्रमण के लिए निकलेंगे – मैं लंदन चला जाऊँगा। बस!

यह मेरा बारंबार कहना है कि मैं आप लोगों के प्रति चिर स्नेहशील हूँ और सर्वदा आपकी तथा आपके स्वजनों की मंगल कामना करता हूँ।

सदा आपका पुत्र,
विवेकानन्द

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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