स्वामी विवेकानंद के पत्र – श्रीमती ओलि बुल को लिखित (14 अप्रैल, 1896)
(स्वामी विवेकानंद का श्रीमती ओलि बुल को लिखा गया पत्र)
१२४ ई० ४४वाँ रास्ता, न्यूयार्क,
१४ अप्रैल, १८९६
प्रिय श्रीमती बुल,
…एक विचित्र व्यक्ति मेरे पास बम्बई से एक पत्र लेकर आया है। वह कार्यक्षम मिस्त्री है और उसका इस देश में खाने के काँटे-चम्मच आदि तथा लोहे के अन्य कारखानों को देखने का विचार है।… मैं उसके सम्बन्ध में कुछ नहीं जानता, किन्तु यदि वह दुष्ट भी है, तो भी मैं अपने देश के लोगों में इस प्रकार की साहसिक भावना को प्रोत्साहन देने का बड़ा इच्छुक हूँ। अपने खर्च के लिए उसके पास पर्याप्त धन है।
अब यदि पूरी सावधानी के साथ उसकी भावना की सत्यता की जाँच करते हुए आप संतुष्ट हों, तो वह जो चाहता है, वह है इन कारखानों को देखना। मैं आशा करता हूँ, वह सच्चा है और आप उसे इस कार्य में मदद दे सकती हैं।
आपका शुभाकांक्षी,
विवेकानन्द