स्वामी विवेकानंद के पत्र – श्रीमती ओलि बुल को लिखित (8 अक्टूबर, 1896)
(स्वामी विवेकानंद का श्रीमती ओलि बुल को लिखा गया पत्र)
विम्बलडन, इंग्लैण्ड,
प्रिय श्रीमती बुल,
८ अक्टूबर, १८९६
…जर्मनी में प्रोफेसर डॉयसन के साथ मेरी भेंट हुई थी। कील में मैं उनका अतिथि था। हम दोनों एक साथ लन्दन आये थे तथा यहाँ पर भी कई बार उनसे मिलकर मुझे विशेष आनन्द मिला…। धर्म तथा समाज सम्बन्धी कार्य के विभिन्न अंगों के प्रति यद्यपि मेरी पूर्ण सहानुभूति है, फिर भी मुझे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि प्रत्येक के कार्यों का विशेष विभाग होना नितान्त आवश्यक है। वेदान्त-प्रचार ही हमारा मुख्य कार्य है। अन्य कार्यों में सहायता पहुँचाना भी इसी आदर्श का सहायक होना चाहिए। आशा है कि आप इस विषय को सारदानन्द के हृदय में अच्छी तरह दृढ़ता के साथ जमा देंगे।
क्या आपने प्रोफेसर मैक्समूलर रचित श्रीरामकृष्ण सम्बन्धी लेख पढ़ा? यहाँ पर इंग्लैण्ड में प्रायः सभी लोग हमारे सहायक बनते जा रहे हैं। न केवल हमारे कार्यों का यहाँ पर विस्तार हो रहा है, अपितु उनको सम्मान भी मिल रहा है।
शुभाकांक्षी,
विवेकानन्द