स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद के पत्र – राजा प्यारीमोहन मुखर्जी को लिखित (25 फरवरी, 1898)

(स्वामी विवेकानंद का राजा प्यारीमोहन मुखर्जी को लिखा गया पत्र)

बेलुड़ मठ,
२५ फरवरी, १८९८

मेरे प्रिय राजाजी,

वक्तृत्वा के लिए आपके अतिकृपापूर्ण निमन्त्रण के लिए कृतज्ञ हूँ। कुछ दिन पहले श्री भट्टाचार्य से इसी विषय पर हमारी बात हुई थी, तदनुसार आपकी समिति के लिए कुछ समय निकालने का भरसक प्रयत्न कर रहा हूँ। मैंने उन्हें विश्वास दिलाया है कि रविवार को उन्हें ठीक-ठीक बता पाऊँगा।

मैं अपने एक मित्र का अतिऋणी हूँ; सम्भवतः वे मुझे दार्जिलिंग में अपने निवासस्थान ले जाने के लिए यहाँ आए हैं। कुछ अमेरिकन मित्र भी आए हैं तथा मैं जो भी खाली समय पा रहा हूँ वह सभी नए मठ तथा तत्सम्बन्धी प्रतिष्ठानों के कार्य में उपयोग कर रहा हूँ। इसके अतिरिक्त मेरी यही आशा है कि अगले मास अमेरिका जाऊँगा।

सत्य कहता हूँ – आपके निमन्त्रण के अनुसार सुयोग पाने की मैं यथासाध्य चेष्टा कर रहा हूँ तथा अपने निष्कर्ष के बारे में श्री भट्टाचार्य के द्वारा रविवार को आपको बताऊँगा।

प्रितियुक्त शुभेच्छा सहित। इति,

विवेकानन्द

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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