स्वामी विवेकानंद के पत्र – श्री ई. टी. स्टर्डी को लिखित (10 सितम्बर, 1896)
(स्वामी विवेकानंद का श्री ई. टी. स्टर्डी को लिखा गया पत्र)
कील,
१० सितम्बर, १८९६
प्रिय मित्र,
आखिर प्रोफेसर डॉयसन के साथ मेरी भेंट हुई। उनके साथ दर्शनीय स्थलों को देखने तथा वेदान्त पर विचार-विमर्श करने में कल का सारा दिन बहुत ही अच्छी तरह बीता।
मैं समझता हूँ कि वे एक ‘लड़ाकू अद्वैतवादी’ (A warring advaitist) हैं। अद्वैतवाद को छोड़कर और किसी से वे मेल करना नहीं चाहते। ‘ईश्वर’ शब्द से वे आतंकित हो उठते हैं। यदि उनसे सम्भव होता तो वे इसको एकदम निर्मूल कर देते। मासिक पत्रिका सम्बन्धी तुम्हारी योजना से वे अत्यन्त आनन्दित हैं तथा इस बारे में तुम्हारे साथ लन्दन में विचार-विमर्श करना चाहते हैं, शीघ्र ही वे वहाँ जा रहे हैं।
शुभाकांक्षी,
विवेकानन्द