स्वामी विवेकानंद के पत्र – श्री ई. टी. स्टर्डी को लिखित (8 दिसम्बर, 1895)
(स्वामी विवेकानंद का श्री ई. टी. स्टर्डी को लिखा गया पत्र)
२२८ पश्चिम ३९वाँ रास्ता, न्यूयार्क,
८ दिसम्बर, १८९५
प्रिय मित्र,
दस दिनों की कठोर एवं बहुत उबा देनेवाली यात्रा के पश्चात् मैं सुरक्षित न्यूयार्क पहुँच गया। मेरे मित्रों ने कुछ कमरे ठीक कर लिये थे,
जहाँ मैं अभी रह रहा हूँ और शीघ्र ही व्याख्यान आरंभ करने का मेरा इरादा है। इस बीच थियोसॉफिस्ट लोग बहुत सतर्क हो गये हैं और मुझे क्षति पहुँचाने की भरसक चेष्टा कर रहे हैं; किन्तु उन्हें तथा उनके अनुयायियों को कुछ भी सफलता नहीं मिली है।
श्रीमती लेगेट तथा अन्य मित्रों से मैं मिलने गया था, वे उतने ही सहृदय और उत्साही हैं, जितना कि पहले थे।
संन्यासियों के आने के बारे में तुम्हें भारत से कोई समाचार मिला है?
यहाँ के कार्य का पूर्ण विवरण मैं बाद में लिखूँगा। कृपया कुमारी मूलर, श्रीमती स्टर्डी और अन्य सभी मित्रों को मेरा ओर से चुम्बन।
‘सत्’ में सदा तुम्हारा,
विवेकानन्द