स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद के पत्र – श्री हरिदास बिहारीदास देसाई को लिखित (सितम्बर 1894)

(स्वामी विवेकानंद का श्री हरिदास बिहारीदास देसाई को लिखा गया पत्र)

शिकागो,
सितम्बर १८९४

प्रिय दीवानजी साहब,

मेरे स्वास्थ्य एवं सुख का समाचार जानने के लिए एक सज्जन को भेजकर आपने बहुत कृपा की। किन्तु वह तो आपके पितातुल्य चरित्र का एक अंश है। मैं यहाँ बिल्कुल ठीक हूँ। आपकी कृपा के अतिरिक्त अन्य किसी वस्तु की आकांक्षा नहीं। आशा है, शीघ्र ही कुछ दिनों में आपके दर्शन करूँगा। ढलाव की तरफ जाने के लिए मुझे किसी सवारी की आवश्यकता नहीं है। उतार तो बहुत खराब है, किन्तु चढ़ना तो कार्य का सबसे कठिन अंश है, और संसार में सभी वस्तुओं के साथ यही सत्य है। आपके प्रति अपना आन्तरिक आभार।

भवदीय,
विवेकानन्द

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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