स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद के पत्र – श्री वहेमिया चंद को लिखित (23 अक्टूबर, 1894)

(स्वामी विवेकानंद का श्री वहेमिया चंद को लिखा गया पत्र)

वाशिंगटन,
२३ अक्टूबर, १८९४

प्रिय वहेमिया चंद लिमडी,

मैं यहाँ कुशल से हूँ। इस समय तक मैं इनके उपदेशकों में से एक हो गया हूँ। मुझे और मेरी शिक्षा को ये बहुत पसन्द करते हैं। सम्भवतः आगामी जाड़े तक मैं भारत वापस आऊँ। क्या आप बम्बई निवासी श्री गाँधी जी को जानते हैं? वे अभी शिकागो में ही हैं। मैं देश भर में शिक्षा और उपदेश देता हुआ घूमता फिरता हूँ। जैसा कि भारत में किया करता था। हजारों की संख्या में इन्होंने मेरी बातें सुनीं और मेरे विचारों को आग्रह के साथ ग्रहण किया। यह बहुत महँगा देश है, परन्तु जहाँ-जहाँ मैं जाता हूँ भगवान् मेरे लिए प्रबन्ध कर रखते हैं।

आपको एवं वहाँ (लिमडी, राजपूताना) के मेरे

सभी मित्रों को मेरा प्यार।

भवदीय,
विवेकानन्द

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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