स्वामी विवेकानंद के पत्र – स्वामी तुरीयानन्द को लिखित (18 जुलाई, 1900)
(स्वामी विवेकानंद का स्वामी तुरीयानन्द को लिखा गया पत्र)
१०२ पूर्व ५८वीं स्ट्रीट,
न्यूयार्क,
१८ जुलाई, १९००
प्रिय तुरीयानन्द,
पुनः प्रेषित किया हुआ तुम्हारा पत्र मुझे मिला। डिट्राएट में मैं केवल तीन दिन ठहरा। इस समय यहाँ न्यूयार्क में भीषण गर्मी है। पिछले हफ्ते भारत से तुम्हारे लिए कोई डाक नहींं थी। अभी तक भगिनी निवेदिता के बारे में कोई ख़बर नहीं मिली।
यहाँ हम लोगों के साथ सब कुछ पहले जैसा ही चल रहा है। कोई विशेष बात नहीं है। कुमारी मूलर अगस्त में नहीं आ सकतीं। मैं उनका इन्तजार नहीं करूँगा। मैं अगली ट्रेन पकड़ रहा हूँ। जब तक उनकी कोई ख़बर न मिल जाय वहीं रहो। कुमारी बुक को प्यार।
प्रभुपदाश्रित,
विवेकानन्द
पुनश्च – करीब एक हफ़्ते हुए काली पहाड़ चला गया। वह सितम्बर के पहले वापस नहीं आ सकता। मैं बिल्कुल अकेला हूँ, और धुलाई कर रहा हूँ, मुझे यह पसन्द है। क्या तुम मेरे मित्रों से मिले हो? उनसे मेरा प्यार कहना।
वि.