सोने वालो जागो
“सोने वालो जागो” स्व. श्री नवल सिंह भदौरिया द्वारा हिंदी खड़ी बोली में रचित कविता है। इसमें निद्रा को छोड़ देश के नवनिर्माण का आह्वान किया है।
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