चाणक्य के कड़वे वचन – Chanakya Ke Kadve Vachan
चाणक्य के कड़वे वचन सुनने में रूखे, पर सारगर्भित हैं। जीवन में सफलता के लिए इन्हें समझना जरूरी है। इन्हें चाणक्य नीति से संकलित किया गया है।
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Read moreचाणक्य नीति का अध्याय 17 “चाणक्य नीति” का अंतिम अध्याय है। इसके ऊपर चिंतन करना अत्यावश्यक है।
Read moreचाणक्य नीति का सोलहवाँ अध्याय बहुत ही गहन है। गंभीरता पूर्वक इसका जितना अध्ययन किया जाए, वह कम है।
Read moreचाणक्य नीति का अध्याय 15 आपके समक्ष प्रस्तुत करते हुए हमें हर्ष का अनुभव हो रहा है। यह अध्याय ज्ञान और व्यावहारिक सूझ-बूझ से भरपूर है।
Read moreचाणक्य नीति का चतुर्दश अध्याय गागर में सागर की तरह है। यह ज्ञान की बहुत-सी भिन्न-भिन्न धाराओं को छूता है।
Read moreचाणक्य नीति का अध्याय तेरह ज्ञान का खज़ाना है। इसमें व्यावहारिकता की समझ कूट-कूट कर भरी हुई है।
Read moreचाणक्य नीति का द्वादश अध्याय गागर में सागर की तरह ज्ञान को समेटे हुए है। पढ़ें यह पठनीय अध्याय और जीवन को ज्ञान की ज्योति से आलोकित करें। अन्य अध्याय पढ़ने के लिए कृपया यहाँ जाएँ – चाणक्य नीति।
Read moreचाणक्य नीति का एकादश अध्याय गागर में सागर की तरह ज्ञान को समेटे हुए है। पढ़ें यह पठनीय अध्याय और जीवन को ज्ञान की ज्योति से आलोकित करें।
Read moreयह पंचतंत्र की प्रसिद्ध कहानी है, जिसमें बताया है कि होशियार दुश्मन रखना मूर्ख दोस्त रखने से अच्छा है।
Read moreइस पंचतंत्र की कहानी में बताया गया है कि हर काम से पहले उसके परिणाम के बारे में सोच-विचार कर लेना चाहिए।
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