वो इश्क़ है
यूँ तो जान देते हैं हज़ारों दिल हम पर
कोई सारी ज़िन्दगी साथ निभाए
“वो इश्क़ है”
कैसे यक़ीं दिलाएँ ज़माने को
कि तुझसे मिलने और तुममें मिलने का जो फ़र्क़ है
“वो इश्क़ है”
बात सजदे की होती तो झुका देते सर अपना हम भी
पर ख़ुदा से पहले जो तेरी याद आए
“वो इश्क़ है”
साथ रहकर रिश्ते निभाना तो एक आम बात है
तू हो किसी और का और हम तेरे हो जाएँ
“वो इश्क़ है”