कविता

ये कहाँ आ गए हम – Ye Kahan Aa Gaye Hum Lyrics in Hindi

“ये कहाँ आ गए हम” 1981 की प्रसिद्ध फ़िल्म सिलसिला का गाना है। इसे सुरों से सजाया है अमिताभ बच्चन और लता मंगेशकर ने व संगीतबद्ध किया है शिव हरि ने। जावेद अख्तर की क़लम ने जन्म दिया है इन ख़ूबसूरत शब्दों को। फ़िल्म में अमिताभ बच्चन, शशि कपूर, जया बच्चन और रेखा ने महत्वपूर्ण भूमिकाएँ अदा की हैं। पढ़ें ये कहाँ आ गए हम के बोल हिंदी में (yeh kahan aa gaye hum song)–

“ये कहाँ आ गए हम” लिरिक्स

मैं और मेरी तनहाई, अक्सर ये बातें करते हैं
तुम होती तो कैसा होता
तुम ये कहती, तुम वो कहती
तुम इस बात पे हैरां होती
तुम उस बात पे कितना हँसती
तुम होती तो ऐसा होता, तुम होती तो वैसा होता
मैं और मेरी तनहाई, अक्सर ये बातें करते हैं

ये कहाँ आ गए हम, यूँ ही साथ साथ चलते
तेरी बाहों में ऐ जानम, मेरे जिस्म-ओ-जां पिघलते

ये रात है या, तुम्हारी ज़ुल्फें खुली हुई है
है चांदनी या तुम्हारी नज़रों से मेरी रातें धुली हुई है
ये चाँद है या तुम्हारा कंगन
सितारें है या तुम्हारा आँचल
हवा का झौंका है, या तुम्हारे बदन की खुशबू
ये पत्तियों की है सरसराहट
के तुमने चुपके से कुछ कहा है
ये सोचता हूँ, मैं कब से गुमसुम
के जब के, मुझको को भी ये खबर है
के तुम नहीं हो, कही नहीं हो
मगर ये दिल है के कह रहा है
तुम यहीं हो, यहीं कहीं हो

तू बदन है, मैं हूँ छाया, तू ना हो तो मैं कहाँ हूँ
मुझे प्यार करनेवाले, तू जहाँ है मैं वहाँ हूँ
हमें मिलना ही था हमदम, किसी राह भी निकलते

मेरी सांस सांस महके, कोई भीना भीना चन्दन
तेरा प्यार चांदनी है, मेरा दिल है जैसे आँगन
हुई और भी मुलायम, मेरी शाम ढलते ढलते

मजबूर ये हालात, इधर भी है, उधर भी
तनहाई की एक रात, इधर भी है, उधर भी
कहने को बहुत कुछ है, मगर किससे कहें हम
कब तक यूँ ही खामोश रहे हम और सहे हम
दिल कहता है दुनिया की हर इक रस्म उठा दें
दीवार जो हम दोनों में है, आज गिरा दें
क्यों दिल में सुलगते रहे, लोगों को बता दें
हाँ हमको मोहब्बत है, मोहब्बत है, मोहब्बत
अब दिल में यही बात, इधर भी है, उधर भी

सिलसिला से जुड़े तथ्य

फिल्मसिलसिला
वर्ष1981
गायक / गायिकाअमिताभ बच्चन, लता मंगेशकर
संगीतकारशिव हरि
गीतकारजावेद अख्तर
अभिनेता / अभिनेत्रीअमिताभ बच्चन, शशि कपूर, जया बच्चन, रेखा

विदेशों में जा बसे बहुत से देशवासियों की मांग है कि हम ये कहाँ आ गए हम गीत को देवनागरी हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी / रोमन में भी प्रस्तुत करें ताकि वे भी इस गाने को पढ़ सकें व आनंद ले सकें। पढ़ें Ye Kahan Aa Gaye Hum रोमन में-

Ye Kahan Aa Gaye Hum Lyrics in Hindi

maiṃ aura merī tanahāī, aksara ye bāteṃ karate haiṃ
tuma hotī to kaisā hotā
tuma ye kahatī, tuma vo kahatī
tuma isa bāta pe hairāṃ hotī
tuma usa bāta pe kitanā ha~satī
tuma hotī to aisā hotā, tuma hotī to vaisā hotā
maiṃ aura merī tanahāī, aksara ye bāteṃ karate haiṃ

ye kahā~ ā gae hama, yū~ hī sātha sātha calate
terī bāhoṃ meṃ ai jānama, mere jisma-o-jāṃ pighalate

ye rāta hai yā, tumhārī ज़ulpheṃ khulī huī hai
hai cāṃdanī yā tumhārī naja़roṃ se merī rāteṃ dhulī huī hai
ye cā~da hai yā tumhārā kaṃgana
sitāreṃ hai yā tumhārā ā~cala
havā kā jhauṃkā hai, yā tumhāre badana kī khuśabū
ye pattiyoṃ kī hai sarasarāhaṭa
ke tumane cupake se kucha kahā hai
ye socatā hū~, maiṃ kaba se gumasuma
ke jaba ke, mujhako ko bhī ye khabara hai
ke tuma nahīṃ ho, kahī nahīṃ ho
magara ye dila hai ke kaha rahā hai
tuma yahīṃ ho, yahīṃ kahīṃ ho

tū badana hai, maiṃ hū~ chāyā, tū nā ho to maiṃ kahā~ hū~
mujhe pyāra karanevāle, tū jahā~ hai maiṃ vahā~ hū~
hameṃ milanā hī thā hamadama, kisī rāha bhī nikalate

merī sāṃsa sāṃsa mahake, koī bhīnā bhīnā candana
terā pyāra cāṃdanī hai, merā dila hai jaise ā~gana
huī aura bhī mulāyama, merī śāma ḍhalate ḍhalate

majabūra ye hālāta, idhara bhī hai, udhara bhī
tanahāī kī eka rāta, idhara bhī hai, udhara bhī
kahane ko bahuta kucha hai, magara kisase kaheṃ hama
kaba taka yū~ hī khāmośa rahe hama aura sahe hama
dila kahatā hai duniyā kī hara ika rasma uṭhā deṃ
dīvāra jo hama donoṃ meṃ hai, āja girā deṃ
kyoṃ dila meṃ sulagate rahe, logoṃ ko batā deṃ
hā~ hamako mohabbata hai, mohabbata hai, mohabbata
aba dila meṃ yahī bāta, idhara bhī hai, udhara bhī

FilmSilsila
Year1981
SingerAmitabh Bachchan, Lata Mangeshkar
MusicShiv Hari
LyricsJaved Akhtar
ActorsAmitabh Bachchan, Shashi Kapoor, Jaya Bachchan, Rekha

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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