कविता

आ लग जा गले दिलरुबा – Aa Lag Ja Gale Dilruba Lyrics in Hindi

“आ लग जा गले दिलरुबा” 1966 की प्रसिद्ध फ़िल्म दस लाख का गाना है। इसे सुरों से सजाया है मोहम्मद रफी ने व संगीतबद्ध किया है रवि ने। प्रेम धवन की क़लम ने जन्म दिया है इन ख़ूबसूरत शब्दों को। फ़िल्म में बबिता, संजय खान, प्राण और ओम प्रकाश ने महत्वपूर्ण भूमिकाएँ अदा की हैं। पढ़ें आ लग जा गले दिलरुबा के बोल हिंदी में (Aa Lag Ja Gale Dilruba lyrics in Hindi)–

“आ लग जा गले दिलरुबा” लिरिक्स

आ~
लग जा गले दिलरुबा
कहाँ रूठ के चली
ओ गुलाब की कली
तेरे कदमों में दिल है मेरा
लग जा गले दिलरुबा…

ऐ शोला बदन ऐ ज़ोहरा जबीं
तुम गुस्से में लगती हो और हसीं
बैठा हूँ जिगर को थामे हुए
मुझ पे न गिरे ये बिजली कहीं
क्या कहने नज़ाकत के
सामाँ है क़यामत के
मैं तो पहली नज़र में गया
लग जा गले दिलरुबा…

इतरा के न चल, बलखा के न चल
आँचल को हवा में उड़ा के न चल
बन जायेगा कोई अफ़साना
दिल को मेरे तड़पा के न चल
इतना न सितम करना
कुछ नज़र-ए-क़रम करना
देखिये दिल है नाज़ुक मेरा
लग जा गले दिलरुबा…

गाने से जुड़े तथ्य

फिल्मदस लाख
वर्ष1966
गायक / गायिकामोहम्मद रफी
संगीतकाररवि
गीतकारप्रेम धवन
अभिनेता / अभिनेत्रीबबिता, संजय खान, प्राण, ओम प्रकाश

विदेशों में जा बसे बहुत से देशवासियों की मांग है कि हम आ लग जा गले दिलरुबा गीत को देवनागरी हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी / रोमन में भी प्रस्तुत करें ताकि वे भी इस गाने को पढ़ सकें व आनंद ले सकें। पढ़ें Aa Lag Ja Gale Dilruba रोमन में-

Aa Lag Ja Gale Dilruba Lyrics in Hindi

ā~
laga jā gale dilarubā
kahā~ rūṭha ke calī
o gulāba kī kalī
tere kadamoṃ meṃ dila hai merā
laga jā gale dilarubā…

ai śolā badana ai ज़oharā jabīṃ
tuma gusse meṃ lagatī ho aura hasīṃ
baiṭhā hū~ jigara ko thāme hue
mujha pe na gire ye bijalī kahīṃ
kyā kahane naज़ākata ke
sāmā~ hai क़yāmata ke
maiṃ to pahalī naज़ra meṃ gayā
laga jā gale dilarubā…

itarā ke na cala, balakhā ke na cala
ā~cala ko havā meṃ uड़ā ke na cala
bana jāyegā koī aफ़sānā
dila ko mere taड़pā ke na cala
itanā na sitama karanā
kucha naज़ra-e-क़rama karanā
dekhiye dila hai nāज़uka merā
laga jā gale dilarubā…

Facts about the Song

FilmDus Lakh
Year1966
SingerMohammad Rafi
MusicRavi
LyricsPrem Dhawan
ActorsBabita, Pran, Sanjay Khan, Om Prakash

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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