धर्म

दर साई के चल – Dar Sai Ke Chal

दर साई के चल तू संग मेरे चल,
वो सबका मलिक,
वो सबका दाता,
वो साई मौला,
वो एक मसीहा…

साईं नाम की जोत जगाले,
मिट जाएगा अँधेरा,
बन जाएगी बिगड़ी तेरी,
होगा नया सवेरा,
इस जीवन की हर मुश्किल हो जाएगी हल,
दर साई के चल…

देख ले चल के कैसे छलकें,
अमृत ​​की वो बूंदे,
भाग्य संवरते झोली भरते,
नयन ज़रा जो मूंदें,
दुख को सुख में जो बदले ऐसा है वो पल,
दर साई के चल….

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर पल पल पूजा करके देखी भजन रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें साईं भजन रोमन में–

Read Pal Pal Pooja Karke Dekhi Sai Lyrics – Sai Baba Bhajan

dara sāī ke cala tū saṃga mere cala,
vo sabakā malika,
vo sabakā dātā,
vo sāī maulā,
vo eka masīhā…

sāīṃ nāma kī jota jagāle,
miṭa jāegā a~dherā,
bana jāegī bigaḍa़ī terī,
hogā nayā saverā,
isa jīvana kī hara muśkila ho jāegī hala,
dara sāī ke cala…

dekha le cala ke kaise chalakeṃ,
amṛta ​​kī vo būṃde,
bhāgya saṃvarate jholī bharate,
nayana ja़rā jo mūṃdeṃ,
dukha ko sukha meṃ jo badale aisā hai vo pala,
dara sāī ke cala….

यह भी पढ़ें

साईं चालीसासाईं बाबा की आरतीसाईं बाबा की व्रत कथा और आरतीश्री साईं अमृतवाणीमेरे सर पे सदा तेरा हाथ रहे साईं बाबासाईं बाबा के 108 मंत्रसाईं राम साईं श्याम साईं भगवानआज गुरुवार हैएव्रीबॉडी लव्स साईंओम नमो सच्चिदानंद साईं नाथाय नमःसाई रहम नज़र करनाश्री साईनाथ महिम्नस्तोत्रऐसा येई बा साई दिगंबरासाईं बाबा का रक्षा कवचआया हु साईं मोरेसाईं तेरे ही भरोसेथोड़ा ध्यान लगा साईंसाईं तेरी चौखट पेमैं दीवाना साईं तेरासाईं कष्ट निवारण मंत्रसाई बाबा शेज आरतीरुसो ना साईसाई स्तवन मंजिरीसाई काकड आरतीसाईनाथ अष्टकमसबका मालिक एक है साईअद्भुत है तेरा नाम साईधरती गाये साई राम साईसाईं कलयुग के अवतारी हैंरुसो ना साईसाई स्तुतीमेरे सांई सांवरिया आजा

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी पथ
error: यह सामग्री सुरक्षित है !!