कविता

आ गुपचुप गुपचुप प्यार करें – Aa Gupchup Gupchup Pyar Karen Lyrics in Hindi

“आ गुपचुप गुपचुप प्यार करें” 1951 की प्रसिद्ध फ़िल्म सज़ा का गाना है। इसे सुरों से सजाया है हेमंत कुमार और संध्या मुखर्जी ने व संगीतबद्ध किया है एसडी बर्मन ने। साहिर लुधियानवी की क़लम ने जन्म दिया है इन ख़ूबसूरत शब्दों को। फ़िल्म में देव आनंद, श्यामा, निम्मी और ललिता पवार ने महत्वपूर्ण भूमिकाएँ अदा की हैं। पढ़ें आ गुपचुप गुपचुप प्यार करें के बोल हिंदी में (Aa Gupchup Gupchup Pyar Karen lyrics in Hindi)–

“आ गुपचुप गुपचुप प्यार करें” लिरिक्स

आ गुपचुप गुपचुप प्यार करें
छुप छुप आँखें चार करें

ओ चाँद मुसाफिर रात के क्यों सुने हमारी बातें
तूने तो देखी होगी ऐसी कितनी ही रातें
छुप जा रे, जा छुप जा तेरी मिन्नत सौ-सौ बार करें
आ गुपचुप गुपचुप…

ओ छुपना है तो जल्दी छुप जा, रात है थोड़ी बाकी
प्यासे रह न जाएं दोनों, मैं और मेरा साथी
छुप जा रे, जा छुप जा, यूँ कब तक हम तकरार करें
तेरी मिन्नत सौ-सौ बार करें
आ गुपचुप गुपचुप…

गीत से जुड़े तथ्य

फिल्मसज़ा
वर्ष1951
गायक / गायिकाहेमंत कुमार, संध्या मुखर्जी
संगीतकारएसडी बर्मन
गीतकारसाहिर लुधियानवी
अभिनेता / अभिनेत्रीदेव आनंद, श्यामा, निम्मी, ललिता पवार

विदेशों में जा बसे बहुत से देशवासियों की मांग है कि हम आ गुपचुप गुपचुप प्यार करें गीत को देवनागरी हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी / रोमन में भी प्रस्तुत करें ताकि वे भी इस गाने को पढ़ सकें व आनंद ले सकें। पढ़ें Aa Gupchup Gupchup Pyar Karen रोमन में-

Aa Gupchup Gupchup Pyar Karen Lyrics in Hindi

ā gupacupa gupacupa pyāra kareṃ
chupa chupa ā~kheṃ cāra kareṃ

o cā~da musāphira rāta ke kyoṃ sune hamārī bāteṃ
tūne to dekhī hogī aisī kitanī hī rāteṃ
chupa jā re, jā chupa jā terī minnata sau-sau bāra kareṃ
ā gupacupa gupacupa…

o chupanā hai to jaldī chupa jā, rāta hai thoḍa़ī bākī
pyāse raha na jāeṃ donoṃ, maiṃ aura merā sāthī
chupa jā re, jā chupa jā, yū~ kaba taka hama takarāra kareṃ
terī minnata sau-sau bāra kareṃ
ā gupacupa gupacupa…

Facts about the Song

MovieSazaa
Year1951
SingerHemant Kumar, Sandhya Mukherjee
MusicSD Burman
LyricsSahir Ludhianvi
ActorsDev Anand, Shyama, Nimmi, Lalita Pawar

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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