आरती रघुवर लला की – Aarti Raghuvar Lala Ki
आरती रघुवर लला की भगवान श्री राम को समर्पित बहुत ही सुंदर आरती है। रामनाम की शक्ति अपरंपार है। जो नित रामनाम का जप करता है, उसे जीवन में सब कुछ सहज ही प्राप्त हो जाता है। आरती रघुवर लला की (Aarti Raghuvar Lala Ki) गाने से अन्तस् में शक्ति उत्पन्न होती है, हृदय में साहस बढ़ता है और जीवन में तेजस्विता की वृद्धि होती है। श्री राम का नाम और उनका स्मरण जीवन-नौका को भव-सागर से पार पहुँचा देता है। पढ़ें आरती रघुवर लला की–
आरती कीजै श्री रघुवर जी की,
सत् चित् आनन्द शिव सुन्दर की।
दशरथ तनय कौशल्या नन्दन,
सुर मुनि रक्षक दैत्य निकन्दन।
अनुगत भक्त भक्त उर चन्दन,
मर्यादा पुरुषोत्तम वर की।
निर्गुण सगुण अनूप रूप निधि,
सकल लोक वन्दित विभिन्न विधि।
हरण शोक-भय दायक नव निधि,
माया रहित दिव्य नर वर की।
जानकी पति सुर अधिपति जगपति,
अखिल लोक पालक त्रिलोक गति।
विश्व वन्द्य अवन्ह अमित गति,
एक मात्र गति सचराचर की।
शरणागत वत्सल व्रतधारी,
भक्त कल्प तरुवर असुरारी।
नाम लेत जग पावनकारी,
वानर सखा दीन दुख हर की।
यह आर्तिक्य हृदय में भक्तिभाव का उद्रेक करती है और भगवान की लीलाओं में अनुराग बढ़ाती है। इसे प्रायः सियाराम के पूजन के पश्चात् गाया जाता है। इसके पीछे कारण यह है कि पूजा में यदि कोई त्रुटि हो गई हो, तो इससे वह गलती दूर हो जाती है। उसका परिहार हो जाता है।