धर्म

अन्नपूर्णा माता की आरती – Annapurna Aarti

अन्नपूर्णा माता की आरती का पाठ सभी कार्यों को सिद्ध करने वाला है। विद्वानों का मत है कि जो नित्य अन्नपूर्णा माता की आरती (Annapurna Aarti) का गायन करता है उसके बिगड़े हुए काम भी बनने लगते हैं, जीवन में प्रगति होने लगती है, हृदय में भक्ति उत्पन्न हो जाती है और मन में प्रसन्नता का चिर-निवास हो जाता है। माँ करुणा और दया से परिपूर्ण हैं। वे अपने भक्तों के लिए सभी विघ्न-बाधाओं का नाश कर देती हैं। पढ़ें यह आरती–

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बारम्बार प्रणाम मैया बारम्बार प्रणाम।

जो नहीं ध्यावै तुम्हें अम्बिके कहां उसे विश्राम।
अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारे लेते होत सब काम॥

प्रलय युगान्तर और जन्मान्तर, कालान्तर तक नाम।
सुर सुरों की रचना करती, कहाँ कृष्ण कहाँ राम॥

चूमोह चरण चतुर चतुरानन चारु चक्रधरश्याम।
चन्द्र चूड़ चन्द्रानन चाकर शोभा लखहि ललाम॥

देवी देव दयनीय दशा में दया दया तव नाम।
त्राहि-त्राहि शरणागत वत्सल शरण रूप तव धाम॥

श्रीं श्रीं, ह्रीं, श्रद्धा, श्रीं विद्या श्रीं क्लीं कमल काम।
कान्तिभ्रांतिमयी कांति शांतिमयी वर देतु निष्काम॥

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर अन्नपूर्णा माता की आरती (Annapurna Aarti) को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें यह अन्नपूर्णा माता की आरती रोमन में–

Read Annapurna Aarti

bārambāra praṇāma maiyā bārambāra praṇāma।

jo nahīṃ dhyāvai tumheṃ ambike kahāṃ use viśrāma।
annapūrṇā devī nāma tihāre lete hota saba kāma॥

pralaya yugāntara aura janmāntara, kālāntara taka nāma।
sura suroṃ kī racanā karatī, kahā~ kṛṣṇa kahā~ rāma॥

cūmoha caraṇa catura caturānana cāru cakradharaśyāma।
candra cūḍa़ candrānana cākara śobhā lakhahi lalāma॥

devī deva dayanīya daśā meṃ dayā dayā tava nāma।
trāhi-trāhi śaraṇāgata vatsala śaraṇa rūpa tava dhāma॥

śrī। śrī, hīṃ, śraddhā, śrī vidyā śrī klīṃkamala kāma।
kāntibhrāṃtimayī kāṃti śāṃtimayī vara detu niṣkāma ॥

आरती करने से पहले तीन बार पुष्पांजलि दें। साथ ही हृदय को भक्ति-भाव से पूर्ण कर लें। इसके बाद कामना करें कि इस आरती से माता को प्रसन्नता प्राप्त होगी। इस विधि से आरती करने पर न केवल सभी काम पूरे होते हैं, बल्कि पूजा के दौरान हुई त्रुटियों का परिहार भी हो जाता है।

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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