बाबा गंगाराम जी की आरती – Baba Gangaram Ji Aarti
बाबा गंगाराम जी की आरती सभी कष्ट-संतापों को हरने वाली है। मान्यता के अनुसार बाबा गंगाराम जी स्वयं साक्षात् विष्णु भगवान के अवतार हैं। ऐसे अवतारी पुरुष के स्मरण मात्र से ही पापों का नाश होता है और पुण्य उदित होने लगते हैं। कलियुग में ऐसा कोई काम नहीं, जो बाबा गंगाराम जी की आरती (Baba Gangaram Ji Aarti) के नित्य गायन से न हो सके। पढ़ें यह आरती और अपना जीवन धन्य करें–
देवलोक में आप विराजो सारे जग में हो महान।
जो कोई सुमिरण करे आपका हो निश्चय कल्याण ॥बाबा… ॥
श्रद्धा भाव जो मन में राखे धरे आपका ध्यान।
उसकी रक्षा आप करो नित हो करुणा के धाम॥ बाबा… ॥
म्हें हां बालक थारा बाबा म्हानै नही कुछ ज्ञान।
हाथ जोड़कर विनती करां म्हें हां भोला नादान ॥ बाबा… ॥
सुख सम्पत्ति के देने वाले सदा करो कल्याण।
भूल-चूक म्हारी माफ करो थे देव बड़े बलवान ॥ बाबा… ॥
यदि हम बाबा के सामने श्रद्धा और भक्ति से भरकर समर्पण करते हैं, तो बाबा हमारी जिम्मेदारी खुद ले लेते हैं। वे हर तरह से अपने भक्तों का कल्याण चाहने और करने वाले हैं। सरल भाव से जो भी भक्त उनके सम्मुख जाता है, वे उसकी सारी भूल-चूक माफ कर देते हैं। उनका नित्य ध्यान ही इस घोर कलियुग में संसार-सागर से तरने का सबसे सरल उपाय है। जो भी उनका स्मरण करता है, इस जग में उसका कल्याण अवश्य ही होता है। इसमें कोई शंका ही नहीं है। कृपया बाबा गंगाराम जी की चालीसा पढ़ने के लिए यहाँ जाये – बाबा गंगाराम जी की चालीसा।