बगलामुखी आरती – Baglamukhi Aarti
बगलामुखी आरती माँ को अतिप्रिय है। जो भी शुद्ध भावों के साथ माता की इस आरती को गाता है, उसके सभी कार्य पूर्ण हो जाते हैं। बगलामुखी आरती (Baglamukhi Aarti) नित्य पढ़ने से चित्तशुद्धि होती है और पार्वती-महादेव के आशीष की वृष्टि भक्त पर होने लगती है।
कहते हैं कि ऐसे भक्त के लिए ऋद्धि-सिद्धि और ऐश्वर्य प्राप्त करना भी कोई विशेष बात नहीं रह जाती है। पढ़ें बगलामुखी आरती–
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जय जय श्री बगलामुखी माता,
आरति करहुँ तुम्हारी ॥टेक॥
पीत वसन तन पर तव सोहै,
कुण्डल की छबि न्यारी।
कर-कमलों में मुद्गर धारै,
अस्तुति करहिं सकल नर-नारी।
जय जय श्री बगलामुखी माता…
चम्पक माल गले लहरावे,
सुर नर मुनि जय जयति उचारी।
जय जय श्री बगलामुखी माता…
त्रिविध ताप मिटि जात सकल सब,
भक्ति सदा तव है सुखकारी।
जय जय श्री बगलामुखी माता…
पालन हरत सृजत तुम जग को,
सब जीवन की हो रखवारी॥
जय जय श्री बगलामुखी माता…
मोह निशा में भ्रमत सकल जन,
करहु हृदय महँ, तुम उजियारी॥
जय जय श्री बगलामुखी माता…
तिमिर नशावहु ज्ञान बढ़ावहु,
अम्बे तुमही हो असुरारी।
जय जय श्री बगलामुखी माता…
सन्तन को सुख देत सदा ही,
सब जन की तुम प्राण पियारी॥
जय जय श्री बगलामुखी माता…
तव चरणन जो ध्यान लगावै,
ताको हो सब भव-भयहारी।
जय जय श्री बगलामुखी माता…
प्रेम सहित जो करहिं आरती,
ते नर मोक्षधाम अधिकारी॥
जय जय श्री बगलामुखी माता…
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॥ दोहा ॥
बगलामुखी की आरती,
पढ़ सुनै जो कोय।
विनती कुलपति मिश्र की,
सुख-सम्पत्ति सब होय॥
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विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर बगलामुखी आरती (Baglamukhi Aarti) को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें बगलामुखी आरती रोमन में–
Read Baglamukhi Aarti
jaya jaya śrī bagalāmukhī mātā,
ārati karahu~ tumhārī ॥ṭeka॥
pīta vasana tana para tava sohai,
kuṇḍala kī chabi nyārī।
kara-kamaloṃ meṃ mudgara dhārai,
astuti karahiṃ sakala nara-nārī।jaya॥
jaya jaya śrī bagalāmukhī mātā…
campaka māla gale laharāve,
sura nara muni jaya jayati ucārī।jaya॥
jaya jaya śrī bagalāmukhī mātā…
trividha tāpa miṭi jāta sakala saba,
bhakti sadā tava hai sukhakārī।jaya॥
jaya jaya śrī bagalāmukhī mātā…
pālana harata sṛjata tuma jaga ko,
saba jīvana kī ho rakhavārī॥jaya॥
jaya jaya śrī bagalāmukhī mātā…
moha niśā meṃ bhramata sakala jana,
karahu hṛdaya maha~, tuma ujiyārī॥jaya॥
jaya jaya śrī bagalāmukhī mātā…
timira naśāvahu jñāna baḍha़āvahu,
ambe tumahī ho asurārī।jaya॥
jaya jaya śrī bagalāmukhī mātā…
santana ko sukha deta sadā hī,
saba jana kī tuma prāṇa piyārī॥jaya॥
jaya jaya śrī bagalāmukhī mātā…
tava caraṇana jo dhyāna lagāvai,
tāko ho saba bhava-bhayahārī।jaya॥
jaya jaya śrī bagalāmukhī mātā…
prema sahita jo karahiṃ āratī,
te nara mokṣadhāma adhikārī ॥jaya॥
jaya jaya śrī bagalāmukhī mātā…
॥ dohā ॥
bagalāmukhī kī āratī,
paḍha़ sunai jo koya।
vinatī kulapati miśra kī,
sukha-sampatti saba hoya॥