भद्रकाली की आरती – Bhadrakali Mata Ki Aarti
भद्रकाली की आरती परमसुखदायिनी है। भद्रकाली माँ काली का ही भद्र अर्थात् कल्याणकारी रूप है। इस रूप में माता अपने भक्तों के संकट हरकर उनपर सुखों की वर्षा करती हैं। भद्रकाली की आरती (Bhadrakali Mata Ki Aarti) गाने से मां का यह शान्त स्वरूप जागृत होता है और हृदय को भक्तिभाव से भर देता है।
माँ के इस स्वरूप का पूजन करने से सभी बाधाएँ ख़त्म हो जाती हैं और उन्हें जीवन में हर प्रकार की उन्नति प्राप्त होती है। जनश्रुति है कि महाभारत के युद्ध से पहले भगवान श्री कृष्ण ने अपने सखा तथा शिष्य अर्जुन से मां के इस रूप की उपासना करने के लिए कहा था। अर्जुन के आज्ञानुसार उपासना की तथा युद्ध में उन्हें अन्ततः विजय की प्राप्ति हुई। पढ़ें शक्तिपुंज-रूपी भद्रकाली की आरती हिंदी में–
यह भी पढ़ें – माँ काली (अमृत ध्वनि छन्द )
जय काली माता, माँ जय महाकाली माँ,
रक्तबीजा वध कारिणी माता।
सुरनर मुनि ध्याता, माँ जय महा काली माँ॥
दक्ष यज्ञ विध्वंस करनी माँ शुंभ निशुंभ हरलि,
मधु और कैटभ नाशिनी माता।
महिशासुर मर्दिनी, ओ माता जय महा काली मां॥
हे हिमगिरि की नंदिनी, प्रकृति रचा करती,
काल विनाशिनी काली माता।
सुरंजना सुखदात्री हे माता॥
आनन्द विस्तार दायनी,माता आदि शक्ति अंबे,
कनकाना कना निवासिनी माता भगवती जगदंबे।
ओ माता जय महा काली मां॥
दक्षिणा काली आध्या काली, काली नामा रूपा,
तीनों लोक विचरिती माता धर्मा मोक्ष रूपा।
सुरनर मुनि ध्याता, माँ जय महा काली माँ॥
भद्रकाली माता के मंत्र
ओम ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै
ॐ क्रीं काल्यै नमः
क्रीं क्रीं क्रीं हूं हूं ह्रीं ह्रीं दक्षिण कालिके
क्रीं क्रीं क्रीं हूं हूं ह्रीं ह्रीं स्वाहा
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं परमेश्वरि कालिके स्वाहा
ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते
विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर भद्रकाली की आरती (Bhadrakali Mata Ki Aarti) को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें भद्रकाली की आरती रोमन में–
jaya kālī mātā, mā~ jaya mahākālī mā~,
raktabījā vadha kāriṇī mātā।
suranara muni dhyātā, mā~ jaya mahā kālī mā~॥
dakṣa yajña vidhvaṃsa karanī mā~ śuṃbha niśuṃbha harali,
madhu aura kaiṭabha nāśinī mātā।
mahiśāsura mardinī, o mātā jaya mahā kālī māṃ॥
he himagiri kī naṃdinī prakṛti racā karatī,
kāla vināśinī kālī mātā।
suraṃjanā sukhadātrī he mātā॥
ānanda vistāra dāyanī mātā ādi śakti aṃbe,
kanakānā kanā nivāsinī mātā॥
bhagavatī jagadaṃbe, o mātā jaya mahā kālī māṃ॥
dakṣiṇā kālī ādhyā kālī, kālī nāmā rūpā,
tīnoṃ loka vicaritī mātā dharmā mokṣa rūpā॥
suranara muni dhyātā, mā~ jaya mahā kālī mā~॥
bhadrakālī mātā ke maṃtra
oma aiṃ hrīṃ klīṃ cāmuṇḍāyai viccai
oṃ krīṃ kālyai namaḥ
krīṃ krīṃ krīṃ hūṃ hūṃ hrīṃ hrīṃ dakṣiṇa kālike
krīṃ krīṃ krīṃ hūṃ hūṃ hrīṃ hrīṃ svāhā
oṃ hrīṃ śrīṃ klīṃ parameśvari kālike svāhā
यह भी पढ़े
- मंगल की सेवा सुन मेरी देवा
- काली चलीसा
- काली कवच
- काली सहस्त्रनाम
- काली माता की आरती
- माँ काली
- नव दुर्गा
- दश महाविद्या
- सप्तश्लोकी दुर्गा पाठ अर्थ सहित फायदे
- दुर्गा है मेरी मां
- शेर पे सवार होके आजा शेरावालिये
- भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अंबे
- माँ शेरावालिये तेरा शेर आ गया
- चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है
- माँ का दिल
- तूने मुझे बुलाया
- मैं बालक तू माता शेरावालिए
- दुर्गा अमृतवाणी भजन