भारत माता की आरती – Bharat Mata Ki Aarti
भारत माता की आरती (Bharat Mata Ki Aarti) महापुण्यदायक है और इस महान धरती का सुंदर वंदन है। यह धरती जो तरह-तरह के धन-धान्य से परिपूर्ण है, रत्नों से भरी हुई है और धर्म का केंद्र है। भारत माता की आरती हमारे भीतर सभी सद्गुणों को जागृत कर इस पुण्यभूमि के प्रति हमारी निष्ठा को अधिक सबल करता है। अतः माँ भारती का वंदन अत्यन्त आवश्यक है। इस देश के कण-कण में पवित्रता और देवताओं का वास है। यहाँ की वायु भी अध्यात्म की ऊर्जा से युक्त है। जो भारत माता की आरती करता है उसे तैंतीस कोटि देवताओं के पूजन का फल सहज ही प्राप्त हो जाता है। पढ़ें यह आरती–
आरती भारत माता की
जगत के भाग्यविधाता की।
सिर पर हिमगिरिवर सोहे,
चरण को रत्नाकर धोए।
देवता गोदी में सोए, रहे आनंद,
होय न द्वंद, समर्पित छंद।
बोलो जय बुद्दि प्रदाता की॥
आरती भारत माता की…
जगत से यह लगती न्यारी,
बनी है इसकी छवि प्यारी,
के दुनिया देख जले सारी,
देखकर झलक, झुकी है पलक, बढी है ललक,
कृपा बरसे जहां दाता की॥
आरती भारत माता की…
गोद में गंगा जमुना लहरे,
के भगवा फहर फहर फहरे,
लगे हैं घाव बहुत गहरे,
हुए हैं खंड, करेंगे अखंड, देकर दंड
मौत दुखदाता विदेशी की॥
आरती भारत माता की…
पले जहां रघुकुल भूषण राम,
बजाए बंशी जहां घनश्याम,
जहां के कण कण तीरथ धाम
पले हर धर्म, साथ शुभ कर्म, ले बेशर्म
गुंजे धुन राम विधाता की॥
आरती भारत माता की…
बढे हिंदू का स्वाभिमान,
किया केशव ने जीवनदान,
बढाया माधव ने सम्मान,
चलेंगे साथ, हाथ में हाथ, उठाकर माथ
शपथ गीता, गौमाता की॥
आरती भारत माता की…
विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर इसे हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें भारत माता की आरती रोमन में–
āratī bhārata mātā kī
jagata ke bhāgyavidhātā kī।
sira para himagirivara sohe,
caraṇa ko ratnākara dhoe।
devatā godī meṃ soe, rahe ānaṃda,
hoya na dvaṃda, samarpita chaṃda।
bolo jaya buddi pradātā kī॥
āratī bhārata mātā kī…
jagata se yaha lagatī nyārī,
banī hai isakī chavi pyārī,
ke duniyā dekha jale sārī,
dekhakara jhalaka, jhukī hai palaka, baḍhī hai lalaka,
kṛpā barase jahāṃ dātā kī॥
āratī bhārata mātā kī…
goda meṃ gaṃgā jamunā lahare,
ke bhagavā phahara phahara phahare,
lage haiṃ ghāva bahuta gahare,
hue haiṃ khaṃḍa, kareṃge akhaṃḍa, dekara daṃḍa
mauta dukhadātā videśī kī॥
āratī bhārata mātā kī…
pale jahāṃ raghukula bhūṣaṇa rāma,
bajāe baṃśī jahāṃ ghanaśyāma,
jahāṃ ke kaṇa kaṇa tīratha dhāma
pale hara dharma, sātha śubha karma, le beśarma
guṃje dhuna rāma vidhātā kī॥
āratī bhārata mātā kī…
baḍhe hiṃdū kā svābhimāna,
kiyā keśava ne jīvanadāna,
baḍhāyā mādhava ne sammāna,
caleṃge sātha, hātha meṃ hātha, uṭhākara mātha
śapatha gītā, gaumātā kī॥
āratī bhārata mātā kī…