गोरी ने शंकर पाया – Gauri Ne Shankar Paya Lyrics – Mahashivratri Special 2024
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हे गौरी शंकरार्धांगी, यथा त्वं शंकर प्रिया।
तथा मां कुरु कल्याणी कान्त कान्तां सुदुर्लभाम्
यूं छोड़ बिछौने मलमल के , वो पत्थर को चूमे,
बस नाम रटे वो भोले का , और दरस को दर दर घूमे,
है प्रीत प्रेम की लागी उनको ऐसा रोग लगाया,
जो थी फूलों की डाली फिर कांटो में मोह जगाया,
खुद को कर के फना फिर
गोरी ने शंकर पाया,
छोड़ चौबारे भोग के बस, संभू को अपनाया
खुद को कर के फना फिर
गोरी ने शंकर पाया,
हे गौरी शंकरार्धांगी, यथा त्वं शंकर प्रिया।
तथा मां कुरु कल्याणी कान्त कान्तां सुदुर्लभाम्
आसान नहीं था इतना के चलना इस डगर पे,
ना फर्क था कोई जाने क्या सोचे इस खबर से,
दिन की सुद ना कोई हो ना शाम ढले कब जाने,
बस एक उम्मीद को ताके ओर करे इंतजार सबर से,
सौंपा खुद को सभूं को और त्यागी मोह की माया,
तप त्याग किया गौरा ने और तांडव को भी अपनाया
खुद को कर के फना फिर
गोरी ने शंकर पाया,
छोड़ चौबारे भोग के बस, संभू को अपनाया
खुद को कर के फना फिर
गोरी ने शंकर पाया,
हे गौरी शंकरार्धांगी, यथा त्वं शंकर प्रिया।
तथा मां कुरु कल्याणी कान्त कान्तां सुदुर्लभाम्
Read Gauri Ne Shankar Paya Lyrics
he gaurī śaṃkarārdhāṃgī, yathā tvaṃ śaṃkara priyā।
tathā māṃ kuru kalyāṇī kānta kāntāṃ sudurlabhām
yūṃ choḍa़ bichaune malamala ke , vo patthara ko cūme,
basa nāma raṭe vo bhole kā , aura darasa ko dara dara ghūme,
hai prīta prema kī lāgī unako aisā roga lagāyā,
jo thī phūloṃ kī ḍālī phira kāṃṭo meṃ moha jagāyā,
khuda ko kara ke phanā phira
gorī ne śaṃkara pāyā,
choड़ caubāre bhoga ke basa, saṃbhū ko apanāyā
khuda ko kara ke phanā phira
gorī ne śaṃkara pāyā,
he gaurī śaṃkarārdhāṃgī, yathā tvaṃ śaṃkara priyā।
tathā māṃ kuru kalyāṇī kānta kāntāṃ sudurlabhām
āsāna nahīṃ thā itanā ke calanā isa ḍagara pe,
nā pharka thā koī jāne kyā soce isa khabara se,
dina kī suda nā koī ho nā śāma ḍhale kaba jāne,
basa eka ummīda ko tāke ora kare iṃtajāra sabara se,
sauṃpā khuda ko sabhūṃ ko aura tyāgī moha kī māyā,
tapa tyāga kiyā gaurā ne aura tāṃḍava ko bhī apanāyā
khuda ko kara ke phanā phira
gorī ne śaṃkara pāyā,
choड़ caubāre bhoga ke basa, saṃbhū ko apanāyā
khuda ko kara ke phanā phira
gorī ne śaṃkara pāyā,
he gaurī śaṃkarārdhāṃgī, yathā tvaṃ śaṃkara priyā।
tathā māṃ kuru kalyāṇī kānta kāntāṃ sudurlabhām
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