दामोदर स्तोत्र – Damodar Stotram
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करार विन्दे न पदार विन्दम् ,
मुखार विन्दे विनिवेश यन्तम्।
वटस्य पत्रस्य पुटे शयानम् ,
बालम् मुकुंदम् मनसा स्मरामि ॥ १ ॥
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श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारे,
हे नाथ नारायण वासुदेव।
जिह्वे पिबस्वामृतमेतदेव,
गोविन्द दामोदर माधवेति ॥ २ ॥
विक्रेतु कामा किल गोप कन्या,
मुरारि – पदार्पित – चित्त – वृति।
दध्यादिकम् मोहवशाद वोचद्,
गोविन्द दामोदर माधवेति ॥ ३ ॥
गृहे गृहे गोप वधु कदम्बा,
सर्वे मिलित्व समवाप्य योगम्।
पुण्यानी नामानि पठन्ति नित्यम्,
गोविन्द दामोदर माधवेति ॥ ४ ॥
सुखम् शयाना निलये निजेपि,
नामानि विष्णो प्रवदन्ति मर्त्याः।
ते निश्चितम् तनमय – ताम व्रजन्ति,
गोविन्द दामोदर माधवेति ॥ ५ ॥
जिह्वे सदैवम् भज सुंदरानी,
नामानि कृष्णस्य मनोहरानी।
समस्त भक्तार्ति विनाशनानि,
गोविन्द दामोदर माधवेति ॥ ६ ॥
सुखावसाने इदमेव सारम्,
दुःखावसाने इद्मेव गेयम्।
देहावसाने इदमेव जाप्यं,
गोविन्द दामोदर माधवेति ॥ ७ ॥
श्री कृष्ण राधावर गोकुलेश,
गोपाल गोवर्धन – नाथ विष्णो।
जिह्वे पिबस्वामृतमेतदेव,
गोविन्द दामोदर माधवेति ॥ ८ ॥
जिह्वे रसज्ञे मधुर – प्रियात्वं,
सत्यम हितम् त्वां परं वदामि।
आवर्णयेता मधुराक्षराणि,
गोविन्द दामोदर माधवेति ॥ ९ ॥
त्वामेव याचे मम देहि जिह्वे,
समागते दण्ड – धरे कृतान्ते।
वक्तव्यमेवं मधुरं सुभक्त्या ,
गोविन्द दामोदर माधवेति ॥ १० ॥
श्री नाथ विश्वेश्वर विश्व मूर्ते,
श्री देवकी – नन्दन दैत्य – शत्रो।
जिह्वे पिबस्वामृतमेतदेव,
गोविन्द दामोदर माधवेति ॥ ११ ॥
विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर गोविन्द दामोदर स्तोत्र को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें दामोदर स्तोत्र रोमन में–
Read Govind Damodar Stotram
karāra vinde na padāra vindam ,
mukhāra vinde viniveśa yantam।
vaṭasya patrasya puṭe śayānam ,
bālam mukuṃdam manasā smarāmi ॥ 1 ॥
śrī kṛṣṇa govinda hare murāre,
he nātha nārāyaṇa vāsudeva।
jihve pibasvāmṛtametadeva,
govinda dāmodara mādhaveti ॥ 2 ॥
vikretu kāmā kila gopa kanyā,
murāri – padārpita – citta – vṛti।
dadhyādikam mohavaśāda vocad,
govinda dāmodara mādhaveti ॥ 3 ॥
gṛhe gṛhe gopa vadhu kadambā,
sarve militva samavāpya yogam।
puṇyānī nāmāni paṭhanti nityam,
govinda dāmodara mādhaveti ॥ 4 ॥
sukham śayānā nilaye nijepi,
nāmāni viṣṇo pravadanti martyāḥ।
te niścitam tanamaya – tāma vrajanti,
govinda dāmodara mādhaveti ॥ 5 ॥
jihve sadaivam bhaja suṃdarānī,
nāmāni kṛṣṇasya manoharānī।
samasta bhaktārti vināśanāni,
govinda dāmodara mādhaveti ॥ 6 ॥
sukhāvasāne idameva sāram,
duḥkhāvasāne idmeva geyam।
dehāvasāne idameva jāpyaṃ,
govinda dāmodara mādhaveti ॥ 7 ॥
śrī kṛṣṇa rādhāvara gokuleśa,
gopāla govardhana – nātha viṣṇo।
jihve pibasvāmṛtametadeva,
govinda dāmodara mādhaveti ॥ 8 ॥
jihve rasajñe madhura – priyātvaṃ,
satyama hitam tvāṃ paraṃ vadāmi।
āvarṇayetā madhurākṣarāṇi,
govinda dāmodara mādhaveti ॥ 9 ॥
tvāmeva yāce mama dehi jihve,
samāgate daṇḍa – dhare kṛtānte।
vaktavyamevaṃ madhuraṃ subhaktyā ,
govinda dāmodara mādhaveti ॥ 10 ॥
śrī nātha viśveśvara viśva mūrte,
śrī devakī – nandana daitya – śatro।
jihve pibasvāmṛtametadeva,
govinda dāmodara mādhaveti ॥ 11 ॥
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