धर्म

“ज्ञानवापी” – Gyanvapi Lyrics – Hansraj Raghuwanshi

हैं विश्वनाथ बाबा
सबसे बड़ा प्रतापी
उसका ही बनारस है
उसका ही ज्ञानवापी

हैं विश्वनाथ बाबा
सबसे बड़ा प्रतापी
उसका ही बनारस है
उसका ही ज्ञानवापी

उसका ही ज्ञानवापी

हम उसका कर्ज
सांस ये दे कर चुकाएंगे
मंदिर जहां था
फिर वही मंदिर बनाएंगे

मंदिर जहां था
फिर वही मंदिर बनाएंगे
मंदिर जहां था
फिर वही मंदिर बनाएंगे…

हम भोले के भक्त हैं
फक्कर मिजाज वाले
मस्ती में हैं मगन हम
दुनिया से हैं निराले

हम भोले के भक्त हैं
फक्कर मिजाज वाले
मस्ती में हैं मगन हम
दुनिया से हैं निराले

हम काशी विश्वनाथ से
वादा निभाएंगे बाबा…
मंदिर जहां था
फिर वही मंदिर बनाएंगे

मंदिर जहां था
फिर वही मंदिर बनाएंगे
मंदिर जहां था
फिर वही मंदिर बनाएंगे…

आई भगवान की लहर है
मंदिर है सजने वाला
कैलाशी आये काशी
डमरू है बजने वाला

आई भगवान की लहर है
मंदिर है सजने वाला
कैलाशी आये काशी
डमरू है बजने वाला

बस उसके सामने ही
अपना सिर झुकाएंगे
मंदिर जहां था
फिर वही मंदिर बनाएंगे

मंदिर जहां था
फिर वही मंदिर बनाएंगे
मंदिर जहां था
फिर वही मंदिर बनाएंगे…

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर हम ज्ञानवापी भजन को रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें यह शिव भजन रोमन में–

Read Gyanvapi Lyrics

haiṃ viśvanātha bābā
sabase baḍa़ā pratāpī
usakā hī banārasa hai
usakā hī jñānavāpī

haiṃ viśvanātha bābā
sabase baḍa़ā pratāpī
usakā hī banārasa hai
usakā hī jñānavāpī

usakā hī jñānavāpī…

hama usakā karja
sāṃsa ye de kara cukāeṃge
maṃdira jahāṃ thā
phira vahī maṃdira banāeṃge

maṃdira jahāṃ thā
phira vahī maṃdira banāeṃge
maṃdira jahāṃ thā
phira vahī maṃdira banāeṃge…

hama bhole ke bhakta haiṃ
phakkara mijāja vāle
mastī meṃ haiṃ magana hama
duniyā se haiṃ nirāle

hama bhole ke bhakta haiṃ
phakkara mijāja vāle
mastī meṃ haiṃ magana hama
duniyā se haiṃ nirāle

hama kāśī viśvanātha se
vādā nibhāeṃge bābā…
maṃdira jahāṃ thā
phira vahī maṃdira banāeṃge

maṃdira jahāṃ thā
phira vahī maṃdira banāeṃge
maṃdira jahāṃ thā
phira vahī maṃdira banāeṃge…

āī bhagavāna kī lahara hai
maṃdira hai sajane vālā
kailāśī āye kāśī
ḍamarū hai bajane vālā

āī bhagavāna kī lahara hai
maṃdira hai sajane vālā
kailāśī āye kāśī
ḍamarū hai bajane vālā

basa usake sāmane hī
apanā sira jhukāeṃge
maṃdira jahāṃ thā
phira vahī maṃdira banāeṃge

maṃdira jahāṃ thā
phira vahī maṃdira banāeṃge
maṃdira jahāṃ thā
phira vahī maṃdira banāeṃge…

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सात वर्ष की छोटी आयु से ही साहित्य में रुचि रखने वालीं सुरभि भदौरिया एक डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी चलाती हैं। अपने स्वर्गवासी दादा से प्राप्त साहित्यिक संस्कारों को पल्लवित करते हुए उन्होंने हिंदीपथ.कॉम की नींव डाली है, जिसका उद्देश्य हिन्दी की उत्तम सामग्री को जन-जन तक पहुँचाना है। सुरभि की दिलचस्पी का व्यापक दायरा काव्य, कहानी, नाटक, इतिहास, धर्म और उपन्यास आदि को समाहित किए हुए है। वे हिंदीपथ को निरन्तर नई ऊँचाइंयों पर पहुँचाने में सतत लगी हुई हैं।

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