धर्म

जुलम कर डारयो सितम कर डारयो – Julam Kar Daaryo Lyrics – होली गीत

पढ़ें “जुलम कर डारयो सितम कर डारयो” लिरिक्स

दोहा – राधा आई सखियाँ आई,
लेकर रंग गुलाल,
काले रे काले कान्हा ने,
कैसो कर दियो लाल।
जुलम कर डारो सितम कर डारो,
काले ने कर दियो लाल,
जुलम कर डाल्यो॥

आयो नज़र मोहन मतवारो,
राधा जी कर्यो इशारो,
नैना सु कर्यो कमाल,
जुलम कर डाल्यो,
काले ने कर दियो लाल,
जुलम कर डाल्यो॥

सब घेर लियो ब्रजनारी,
नखरारी कामनगारी,
के चली गजब की चाल,
जुलम कर डाल्यो,
काले ने कर दियो लाल,
जुलम कर डाल्यो॥

काजल टिकी नथ ल्याई,
अंगिया साड़ी पहनाई,
मुखड़े पे मल्यो गुलाल,
जुलम कर डाल्यो,
काले ने कर दियो लाल,
जुलम कर डाल्यो॥

लियो पकड़ बिहारी कसके,
रंग दियो खुब हस हस के,
बोली फिर अइयो नंदलाल,
जुलम कर डाल्यो,
काले ने कर दियो लाल,
जुलम कर डाल्यो॥

जुलम कर डारो सितम कर डारयो,
काले ने कर दियो लाल,
जुलम कर डाल्यो॥

विदेशों में जा बसे बहुत से देशवासियों की मांग है कि हम इस भजन को देवनागरी हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी / रोमन में भी प्रस्तुत करें ताकि वे भी जुलम कर डारयो सितम कर डारयो भजन को पढ़ सकें व आनंद ले सकें। पढ़ें Julam Kar Daaryo Sitam Kar Dalo Lyrics रोमन में-

Read Julam Kar Daaryo Lyrics

dohā – rādhā āī sakhiyā~ āī,
lekara raṃga gulāla,
kāle re kāle kānhā ne,
kaiso kara diyo lāla।
julama kara ḍāro sitama kara ḍāro,
kāle ne kara diyo lāla,
julama kara ḍālyo॥

āyo naja़ra mohana matavāro,
rādhā jī karyo iśāro,
nainā su karyo kamāla,
julama kara ḍālyo,
kāle ne kara diyo lāla,
julama kara ḍālyo॥

saba ghera liyo brajanārī,
nakharārī kāmanagārī,
ke calī gajaba kī cāla,
julama kara ḍālyo,
kāle ne kara diyo lāla,
julama kara ḍālyo॥

kājala ṭikī natha lyāī,
aṃgiyā sāड़ī pahanāī,
mukhaड़e pe malyo gulāla,
julama kara ḍālyo,
kāle ne kara diyo lāla,
julama kara ḍālyo॥

liyo pakaḍa़ bihārī kasake,
raṃga diyo khuba hasa hasa ke,
bolī phira aiyo naṃdalāla,
julama kara ḍālyo,
kāle ne kara diyo lāla,
julama kara ḍālyo॥

julama kara ḍāro sitama kara ḍārayo,
kāle ne kara diyo lāla,
julama kara ḍālyo॥

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सुरभि भदौरिया

सात वर्ष की छोटी आयु से ही साहित्य में रुचि रखने वालीं सुरभि भदौरिया एक डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी चलाती हैं। अपने स्वर्गवासी दादा से प्राप्त साहित्यिक संस्कारों को पल्लवित करते हुए उन्होंने हिंदीपथ.कॉम की नींव डाली है, जिसका उद्देश्य हिन्दी की उत्तम सामग्री को जन-जन तक पहुँचाना है। सुरभि की दिलचस्पी का व्यापक दायरा काव्य, कहानी, नाटक, इतिहास, धर्म और उपन्यास आदि को समाहित किए हुए है। वे हिंदीपथ को निरन्तर नई ऊँचाइंयों पर पहुँचाने में सतत लगी हुई हैं।

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