धर्म

साईं बाबा का रक्षा कवच – Sai Baba Raksha Kavach in Hindi

पढ़ें “साईं रक्षा कवच”

॥ साई कवच॥

सदगुरु साई मुझे शक्ति दो, करुँ मैं तेरा ध्यान।
विनती सुन लो, मुझ को दे दो चरणों में स्थान॥

अंतर्मन के सिंहासन पर बैठो दयानिधान।
बीते कितने जनम व्यर्थ ही अब कर दो कल्याण॥

श्रद्धा-सबुरी ही हो मेरी भक्ति का आधार।
ज्ञानरश्मि दो और मिटा दो अंतस का अंधियार॥

लक्ष्मी बनकर भर दो मेरा खाली घर-भण्डार।
बनकर राम संयमित कर दो वाणी और व्यवहार॥

षडरिपुओं का शमन करो मेटो बाधा-व्यवधान।
रोग-शोक को हर लो साई दो सुख का वरदान॥

शरण तुम्हारी आया हूँ कर दो जीवन आसान।
कृपा करके पूरा कर दो मुक्ति का अरमान॥

तुम हो अंतर्यामी साई समझो मन के भाव।
पूरा कर दो पूर्व कर्म का बाकी बचा हिसाब॥

भक्तों के वत्सल हो साई, मेटो सकल अभाव।
चित्त शुद्ध कर दो, मुझको दो अपना परम स्वभाव॥

प्रेमपूर्णता, करुणामयता, निश्छलता दो साई।
दयाभाव दो, क्षमाभाव दो, विनम्रता दो साई॥

बल-सम्बल दो, संतृप्ति दो, निर्भयता दो साई।
सच्चाई, ईमान, मधुरता अरु समता दो साई॥

ज्योतिपुंज हो, ज्योतित कर दो अंतस का आकाश।
हर लो सारी चिंता, हर पल दो अपना एहसास॥

सारे पूज्य स्वरुप तुम्हारे ही स्वरुप हैं साई।
सिरजनहार सकल सृष्टि का एक तुम्हीं हो साई॥

शांति, परमसुख, शुभाशीष और कृपादृष्टि दो साई।
साई कवच को उर्जा से भरपूर बना दो साई॥

गाये जो “श्री साई कवच” वो पाये तेरी सुरक्षा।
कठिन समय में भी उसकी पूरी हो जाये इच्छा॥

धन–सन्तति–सम्मान–सुयश सब सहज प्राप्त हो साई।
हर दिन सुखमय, सारा जीवन मंगलमय हो साई॥

श्रधा से तेरी महिमा जो भी दोहराये साई।
उस पर दया दिखाना उसका दुख हर लेना साई॥

सच्ची राह दिखाना साई अनुप्रेरित भी करना।
भूल क्षमा कर देना साई रहम नजर भी करना॥

हर पल तुमको याद करुँ और नमन करुँ मैं साई।
भक्तिभाव से तव चरणों में करुँ समर्पण साई॥

॥ ऊँ श्री साई॥

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर साईं बाबा का रक्षा कवच को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें साईं कवच रोमन में–

Read Sai Kavch in hindi

॥ sāī kavaca॥

sadaguru sāī mujhe śakti do, karu~ maiṃ terā dhyāna।
vinatī suna lo, mujha ko de do caraṇoṃ meṃ sthāna॥

aṃtarmana ke siṃhāsana para baiṭho dayānidhāna।
bīte kitane janama vyartha hī aba kara do kalyāṇa॥

śraddhā-saburī hī ho merī bhakti kā ādhāra।
jñānaraśmi do aura miṭā do aṃtasa kā aṃdhiyāra॥

lakṣmī banakara bhara do merā khālī ghara-bhaṇḍāra।
banakara rāma saṃyamita kara do vāṇī aura vyavahāra॥

ṣaḍaripuoṃ kā śamana karo meṭo bādhā-vyavadhāna।
roga-śoka ko hara lo sāī do sukha kā varadāna॥

śaraṇa tumhārī āyā hū~ kara do jīvana āsāna।
kṛpā karake pūrā kara do mukti kā aramāna॥

tuma ho aṃtaryāmī sāī samajho mana ke bhāva।
pūrā kara do pūrva karma kā bākī bacā hisāba॥

bhaktoṃ ke vatsala ho sāī, meṭo sakala abhāva।
citta śuddha kara do, mujhako do apanā parama svabhāva॥

premapūrṇatā, karuṇāmayatā, niśchalatā do sāī।
dayābhāva do, kṣamābhāva do, vinamratā do sāī॥

bala-sambala do, saṃtṛpti do, nirbhayatā do sāī।
saccāī, īmāna, madhuratā aru samatā do sāī॥

jyotipuṃja ho, jyotita kara do aṃtasa kā ākāśa।
hara lo sārī ciṃtā, hara pala do apanā ehasāsa॥

sāre pūjya svarupa tumhāre hī svarupa haiṃ sāī।
sirajanahāra sakala sṛṣṭi kā eka tumhīṃ ho sāī॥

śāṃti, paramasukha, śubhāśīṣa aura kṛpādṛṣṭi do sāī।
sāī kavaca ko urjā se bharapūra banā do sāī॥

gāye jo “śrī sāī kavaca” vo pāye terī surakṣā।
kaṭhina samaya meṃ bhī usakī pūrī ho jāye icchā॥

dhana–santati–sammāna–suyaśa saba sahaja prāpta ho sāī।
hara dina sukhamaya, sārā jīvana maṃgalamaya ho sāī॥

śradhā se terī mahimā jo bhī doharāye sāī।
usa para dayā dikhānā usakā dukha hara lenā sāī॥

saccī rāha dikhānā sāī anuprerita bhī karanā।
bhūla kṣamā kara denā sāī rahama najara bhī karanā॥

hara pala tumako yāda karu~ aura namana karu~ maiṃ sāī।
bhaktibhāva se tava caraṇoṃ meṃ karu~ samarpaṇa sāī॥

॥ ū~ śrī sāī॥

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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