त्रिमूर्तिधाम हनुमान जी की आरती – Trimurtidham Hanuman Ji Ki Aarti
त्रिमूर्तिधाम हनुमान जी की आरती का अपना विशेष महत्व है तथा भिन्न नियम हैं। मान्यता के अनुसार इस आरती का गायन सुबह नहीं किया जाना चाहिए। इसे विशेषतः त्रिमूर्तिधाम, बालाजी हनुमान मंदिर कालका में गाया जाता है जो पंचकूला, हरियाणा में स्थित है। त्रिमूर्तिधाम हनुमान जी की आरती करने से हनुमान जी महाराज की प्रसन्नता प्राप्त होती है और भक्तों के सारे काज संवर जाते हैं। रामदूत के लिए जगत में ऐसा कोई कार्य नहीं जो संभव न हो। अतः उनके भक्तों को उनकी कृपा प्राप्त होने से रोग-शोक-संताप दूर होते हैं और सभी कार्यों में सफलता हाथ लगती है। पढ़ें त्रिमूर्तिधाम हनुमान जी की आरती–
जय हनुमत बाबा,
जय जय हनुमत बाबा।
रामदूत बलवन्ता,
रामदूत बलवन्ता,
सब जन मन भावा।
जय जय हनुमत बाबा।
अंजनी गर्भ सम्भूता,
पवन वेगधारी,
बाबा पवन वेगधारी।
लंकिनी गर्व निहन्ता,
लंकिनी गर्व निहन्ता,
अनुपम बलधारी।
जय जय हनुमत बाबा।
बालापन में बाबा अचरज बहु कीन्हों,
बाबा अचरज बहु कीन्हों।
रवि को मुख में धारयो,
रवि को मुख में धारयो,
राहू त्रास दीन्हों।
जय जय हनुमत बाबा।
सीता की सुधि लाये,
लंका दहन कियो,
बाबा लंका दहन कियो।
बाग अशोक उजारि,
बाग अशोक उजारि,
अक्षय मार दियो।
जय जय हनुमत बाबा।
द्रोण सो गिरि उपारयो,
लखन को प्राण दियो,
बाबा लखन को प्राण दियो।
अहिरावण संहारा,
अहिरावण संहारा,
सब जन तार दियो।
जय जय हनुमत बाबा।
संकट हरण कृपामय,
दयामय सुखकारी,
बाबा दयामय सुखकारी।
सर्व सुखन के दाता,
सर्व सुखन के दाता,
जय जय केहरि हरि।
जय जय हनुमत बाबा।
सब द्वारों से लौटा तेरी शरण परयो,
बाबा तेरी शरण परयो।
संकट मेरा मिटाओ,
संकट मेरा मिटाओ,
विघ्न सकल हरयो।
जय जय हनुमत बाबा।
भक्ति भाव से बाबा,
मन मेरा सिक्त रहे,
बाबा मन मेरा सिक्त रहे।
एक हो शरण तिहारी,
एक हो शरण तिहारी,
विषयन में न चित रहे।
जय जय हनुमत बाबा।
जय हनुमत बाबा,
जय जय हनुमत बाबा।
रामदूत बलवन्ता,
रामदूत बलवन्ता,
सब जन मन भावा।
जय जय हनुमत बाबा।
॥दोहा॥
पवन तनय संकट हरन,
मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित,
ह्रदय बसेहुँ सुर भूप॥
विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर त्रिमूर्तिधाम हनुमान जी की आरती को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें त्रिमूर्तिधाम हनुमान जी की आरती रोमन में–
Trimurtidham Hanuman Ji Ki Aarti
jaya hanumata bābā,
jaya jaya hanumata bābā।
rāmadūta balavantā,
rāmadūta balavantā,
saba jana mana bhāvā।
jaya jaya hanumata bābā।
aṃjanī garbha sambhūtā,
pavana vegadhārī,
bābā pavana vegadhārī।
laṃkinī garva nihantā,
laṃkinī garva nihantā,
anupama baladhārī।
jaya jaya hanumata bābā।
bālāpana meṃ bābā acaraja bahu kīnhoṃ,
bābā acaraja bahu kīnhoṃ।
ravi ko mukha meṃ dhārayo,
ravi ko mukha meṃ dhārayo,
rāhū trāsa dīnhoṃ।
jaya jaya hanumata bābā।
sītā kī sudhi lāye,
laṃkā dahana kiyo,
bābā laṃkā dahana kiyo।
bāga aśoka ujāri,
bāga aśoka ujāri,
akṣaya māra diyo।
jaya jaya hanumata bābā।
droṇa so giri upārayo,
lakhana ko prāṇa diyo,
bābā lakhana ko prāṇa diyo।
ahirāvaṇa saṃhārā,
ahirāvaṇa saṃhārā,
saba jana tāra diyo।
jaya jaya hanumata bābā।
saṃkaṭa haraṇa kṛpāmaya,
dayāmaya sukhakārī,
bābā dayāmaya sukhakārī।
sarva sukhana ke dātā,
sarva sukhana ke dātā,
jaya jaya kehari hari।
jaya jaya hanumata bābā।
saba dvāroṃ se lauṭā terī śaraṇa parayo,
bābā terī śaraṇa parayo।
saṃkaṭa merā miṭāo,
saṃkaṭa merā miṭāo,
vighna sakala harayo।
jaya jaya hanumata bābā।
bhakti bhāva se bābā,
mana merā sikta rahe,
bābā mana merā sikta rahe ।
eka ho śaraṇa tihārī,
eka ho śaraṇa tihārī,
viṣayana meṃ na cita rahe।
jaya jaya hanumata bābā।
jaya hanumata bābā,
jaya jaya hanumata bābā।
rāmadūta balavantā,
rāmadūta balavantā,
saba jana mana bhāvā।
jaya jaya hanumata bābā।
॥dohā॥
pavana tanaya saṃkaṭa harana,
maṃgala mūrati rūpa।
rāma lakhana sītā sahita,
hradaya basehu~ sura bhūpa॥
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