धर्म

भगवान पद्मप्रभु की आरती – Bhagwan Padmaprabhu Aarti

भगवान पद्मप्रभु की आरती जैन धर्म के छठे तीर्थंकर के पूजन में पढ़ी जाती है। कहते हैं कि भगवान पद्मप्रभु की आरती (Bhagwan Padmaprabhu Aarti) के निरंतर पाठ से दुर्लभ कार्य भी सरल हो जाते हैं। अनुयायियों द्वारा भगवान पद्मप्रभु की आरती सिद्धि प्राप्ति के लिए भी की जाती है। भगवान श्री पद्मप्रभु ने संसार को अहिंसा के मार्ग का महत्व समझाया, जिससे यह सृष्टि और सुंदर बन सके। भगवान पद्मप्रभु की आरती का पाठ करें और अपने जीवन को नई दिशा प्रदान करें।

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पद्मप्रभू भगवान हैं,
त्रिभुवन पूज्य महान हैं,
भक्ति भाव से आरति करके,
मिटे तिमिर अज्ञान है॥टेक.॥

मात सुसीमा धन्य हो गयी,
जन्म लिया जब नगरी में। जन्म…..
स्वर्ग से इन्द्र-इन्द्राणी आकर,
मेरू पर अभिषेक करें॥ मेरू……
कौशाम्बी शुभ धाम है,
जहाँ जन्में श्री भगवान हैं।
भक्ति भाव से आरति करें,
मिटे तिमिर अज्ञान है॥१॥

कार्तिक वदि तेरस शुभ तिथि थी,
वैभव तृणवत छोड़ दिया। वैभव……
मुक्तिरमा की प्राप्ती हेतू,
ले दीक्षा शुभ ध्यान किया॥ दीक्षा…….
वह भू परम महान है,
जहां दीक्षा लें भगवान हैं।
भक्ति भाव से आरति करें,
मिटे तिमिर अज्ञान है॥२॥

चैत्र शुक्ल पूनो तिथि तेरी,
केवलज्ञान कल्याण तिथी। केवल…….
मोहिनि कर्म का नाश किया,
मिल गई प्रभो अर्हत् पदवी॥ मिल…..
समवसरण सुखखान है,
दिव्यध्वनि खिरी महान है॥
भक्ति भाव से आरति करें,
मिटे तिमिर अज्ञान है॥३॥

फाल्गुन कृष्ण चतुर्थी तिथि में,
प्रभु कहलाए मुक्तिपती। प्रभु…….
लोक शिखर पर जाकर तिष्ठे,
सदा जहां शाश्वत सिद्धी॥ सदा…..
शिखर सम्मेद महान है,
मुक्ति गए भगवान हैं।
भक्ति भाव से आरति करें,
मिटे तिमिर अज्ञान है॥४॥

सुर नर वंदित कल्पवृक्ष प्रभु,
तुम पद्मा के आलय हो।
कहे ‘चंदनामती’ पद्मप्रभु,
भविजन सर्व सुखालय हो॥
करें सभी गुणगान है,
मिले मुक्ति का दान है॥
भक्ति भाव से आरति करें,
मिटे तिमिर अज्ञान है॥५॥

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर भगवान पद्मप्रभु की आरती (Bhagwan Padmaprabhu Aarti) को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें भगवान पद्मप्रभु की आरती रोमन में–

padmaprabhū bhagavāna haiṃ,
tribhuvana pūjya mahāna haiṃ,
bhakti bhāva se ārati karake,
miṭe timira ajñāna hai॥ṭeka.॥

māta susīmā dhanya ho gayī,
janma liyā jaba nagarī meṃ। janma…..
svarga se indra-indrāṇī ākara,
merū para abhiṣeka kareṃ॥ merū……
kauśāmbī śubha dhāma hai,
jahā~ janmeṃ śrī bhagavāna haiṃ।
bhakti bhāva se ārati kareṃ,
miṭe timira ajñāna hai॥1॥

kārtika vadi terasa śubha tithi thī,
vaibhava tṛṇavata choḍa़ diyā। vaibhava……
muktiramā kī prāptī hetū,
le dīkṣā śubha dhyāna kiyā॥ dīkṣā…….
vaha bhū parama mahāna hai,
jahāṃ dīkṣā leṃ bhagavāna haiṃ।
bhakti bhāva se ārati kareṃ,
miṭe timira ajñāna hai॥2॥

caitra śukla pūno tithi terī,
kevalajñāna kalyāṇa tithī। kevala…….
mohini karma kā nāśa kiyā,
mila gaī prabho arhat padavī॥ mila…..
samavasaraṇa sukhakhāna hai,
divyadhvani khirī mahāna hai॥
bhakti bhāva se ārati kareṃ,
miṭe timira ajñāna hai॥3॥

phālguna kṛṣṇa caturthī tithi meṃ,
prabhu kahalāe muktipatī। prabhu…….
loka śikhara para jākara tiṣṭhe,
sadā jahāṃ śāśvata siddhī॥ sadā…..
śikhara sammeda mahāna hai,
mukti gae bhagavāna haiṃ।
bhakti bhāva se ārati kareṃ,
miṭe timira ajñāna hai॥4॥

sura nara vaṃdita kalpavṛkṣa prabhu,
tuma padmā ke ālaya ho।
kahe ‘caṃdanāmatī’ padmaprabhu,
bhavijana sarva sukhālaya ho॥
kareṃ sabhī guṇagāna hai,
mile mukti kā dāna hai॥
bhakti bhāva se ārati kareṃ,
miṭe timira ajñāna hai॥5॥

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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