आदिनाथ भगवान की आरती – Adinath Bhagwan Ki Aarti
आदिनाथ भगवान की आरती (Adinath Bhagwan Ki Aarti) का प्रत्येक अक्षर शक्तिपुंज है तथा अपार तेज से संपन्न है। इसका प्रत्येक शब्द चमत्कारपूर्ण है तथा तुरन्त प्रभाव उत्पन्न करने वाला है। भगवान ऋषभदेव न केवल जैन धारा के प्रथम तीर्थंकर हैं बल्कि वैदिक शास्त्रों में भी उनका वर्णन आता है व उन्हें अवतारी पुरुष माना जाता है। उनकी कीर्ति से चारों दिशाएँ प्रकाशित हो रही हैं इसमें कोई संदेह नहीं है। आदिनाथ भगवान की आरती करने से दारिद्र्य का ध्वंस होता है और जीवन में सकारात्मकता तथा समृद्धि का सूर्य चमक उठता है। हृदय में श्रद्धा और पावित्र्य के साथ आदिनाथ भगवान की आरती गाने या पढ़ने से संसार में यश व संपन्नता प्राप्त होती है एवं आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग खुल जाता है।
यह भी पढ़ें – आदिनाथ चालीसा
आरती उतारूं आदिनाथ भगवान की
माता मरुदेवि पिता नाभिराय लाल की
रोम रोम पुलकित होता देख मूरत आपकी
आरती हो बाबा, आरती हो।
प्रभुजी हम सब उतारें थारी आरती
तुम धर्म धुरन्धर धारी, तुम ऋषभ प्रभु अवतारी
तुम तीन लोक के स्वामी, तुम गुण अनंत सुखकारी
इस युग के प्रथम विधाता, तुम मोक्ष मार्म के दाता
जो शरण तुम्हारी आता, वो भव सागर तिर जाता
हे… नाम हे हजारों ही गुण गान की
तुम ज्ञान की ज्योति जमाए, तुम शिव मारग बतलाए
तुम आठो करम नशाए, तुम सिद्ध परम पद पाये
मैं मंगल दीप सजाऊं, मैं जग-मग ज्योति जलाऊं
मैं तुम चरणों में आऊं, मैं भक्ति में रम जाऊं
हे झूम-झूम-झूम नाचूं करूं आरती।
आरती उतारूं आदिनाथ भगवान की।
विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर आदिनाथ भगवान की आरती (Adinath Bhagwan Ki Aarti) को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें आदिनाथ भगवान की आरती रोमन में–
āratī utārūṃ ādinātha bhagavāna kī
mātā marudevi pitā nābhirāya lāla kī
roma roma pulakita hotā dekha mūrata āpakī
āratī ho bābā, āratī ho।
prabhujī hama saba utāreṃ thārī āratī
tuma dharma dhurandhara dhārī, tuma ṛṣabha prabhu avatārī
tuma tīna loka ke svāmī, tuma guṇa anaṃta sukhakārī
isa yuga ke prathama vidhātā, tuma mokṣa mārma ke dātā
jo śaraṇa tumhārī ātā, vo bhava sāgara tira jātā
he… nāma he hajāroṃ hī guṇa gāna kī
tuma jñāna kī jyoti jamāe, tuma śiva māraga batalāe
tuma āṭho karama naśāe, tuma siddha parama pada pāye
maiṃ maṃgala dīpa sajāūṃ, maiṃ jaga-maga jyoti jalāūṃ
maiṃ tuma caraṇoṃ meṃ āūṃ, maiṃ bhakti meṃ rama jāūṃ
he jhūma-jhūma-jhūma nācūṃ karūṃ āratī।
āratī utārūṃ ādinātha bhagavāna kī।