शाकंभरी माता की आरती – Shakambari Mata Ki Aarti
शाकंभरी माता की आरती हृदय के ताप का हरण करती है और भक्तों के हृदय पर प्रेम की वर्षा करने वाली है। जो भक्त शाकंभरी माता की आरती (Shakambari Mata Ki Aarti) पूरी श्रद्धा से गाता है, उसकी पूजा में हुई त्रुटियों का परिहार स्वतः ही हो जाता है।
माँ तो भक्त-वत्सला हैं, करुणामयी हैं और दयालु हैं। वे वह सब देती हैं जो भी उनसे मांगा जाता है, बस आवश्यक है तो शुद्ध चित्त। दुर्गमासुर का वध करने वाली माता भक्त ही हर विपत्ति का भी नाश कर देती हैं। आइए, माँ को हृदय में स्थापित करें और उनकी परमपावनी आरती गाएँ–
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हरि ऊँ शाकम्भर अम्बा जी की आरती कीजो।
ऐसो अद्भुत रूप हृदय धर लीजो
शताक्षी दयालु की आरती कीजो।
तुम परिपूर्ण आदि भवानी माँ,
सब घट तुम आप बखानी माँ
शाकम्भरी अम्बा जी की आरती कीजे।
तुम्हीं हो शाकम्भरी,
तुम ही हो शताक्षी माँ
शिव मूर्ति माया, तुम ही हो
प्रकाशी माँ, श्री शाकम्भर…..
नित जो नर नारी
अम्बे आरती गावे माँ
इच्छा पूरन कीजो शाकम्भरी
दर्शन पावे माँ, श्री शाकम्भर…..
जो नर आरती पढ़े पढ़ावे माँ
जो नर आरती सुने सुनावे माँ
बसे बैकुण्ड शाकम्भर
दर्शन पावे श्री शाकम्भर…..
विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर शाकंभरी माता की आरती (Shakambari Mata Ki Aarti) को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें शाकंभरी माता की आरती रोमन में–
Read Shakambari Mata Ki Aarti
hari ū~ śākambhara ambā
jī kī āratī kījo।
aiso adbhuta rūpa hṛdaya dhara lījo
śatākṣī dayālu kī āratī kījo।
tuma paripūrṇa ādi bhavānī mā~,
saba ghaṭa tuma āpa bakhānī mā~
śākambharī ambā jī
kī āratī kīje।
tumhīṃ ho śākambharī,
tuma hī ho śatākṣī mā~
śiva mūrti māyā, tuma hī ho
prakāśī mā~, śrī śākambhara…..
nita jo nara nārī
ambe āratī gāve mā~
icchā pūrana kījo śākambharī
darśana pāve mā~, śrī śākambhara…..
jo nara āratī paḍha़e paḍha़āve mā~
jo nara āratī sune sunāve mā~
base baikuṇḍa śākambhara
darśana pāve śrī śākambhara…..
जिस तरह माँ काली आदिशक्ति का रौद्र रूप हैं, उसी तरह शाकंभरी माता उनका सौम्य रूप हैं। वे शीघ्र ही प्रसन्न होने वाली हैं। हृदय से गाएँ यह आरती और पाएँ माता की कृपा।