धर्म

हरे कृष्णा हरे – Hare Krishna Hare Lyrics

“हरे कृष्णा हरे” के बोल अर्थात् लिरिक्स पढ़ें हिंदी में। पलक मुच्छल की आवाज़ में सजे इस गीत के संगीतकार हैं पूनम ठक्कर व लिखा है शब्बीर अहमद ने।

राधा रमन हरी गोविन्द जय
बोले रे मन हरे कृष्णा हरे – 2

हे मेरे गिरिधर हे गोपाला
हे मेरे गिरिधर हे गोपाला
तू ही दुःख दूर करे

हरे कृष्ण हरे
हरे कृष्णा हरे – 2

अंधेरों में जलते दिए सा
साँचा तेरा नाम रे कान्हा
साँचा तेरा नाम

चांदी सोने से भी खरा है
एक मेरा घनश्याम जगत का
एक मेरा घनश्याम

आन पड़ी मैं द्वार खड़ी मैं
आन पड़ी मैं द्वार खड़ी मैं
तू ही दुःख दूर करे

हरे कृष्णा हरे
हरे कृष्णा हरे
हरे राम हरे
हरे कृष्णा हरे

हरे कृष्णा हरे
हरे कृष्ण हरे
हरे राम हरे
हरे कृष्ण हरे

हरे कृष्ण हरे
हरे कृष्ण हरे
हरे राम हरे
हरे कृष्ण हरे

हरे कृष्ण हरे
हरे कृष्ण हरे
हरे राम हरे
हरे कृष्ण हरे

विदेशों में जा बसे बहुत से देशवासियों की मांग है कि हम इस भजन को देवनागरी हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी / रोमन में भी प्रस्तुत करें ताकि वे भी इस गाने को पढ़ सकें व आनंद ले सकें। पढ़ें यह कृष्ण भजन रोमन में-

Read Hare Krishna Hare Lyrics

rādhā ramana harī govinda jaya
bole re mana hare kṛṣṇā hare
rādhā ramana harī govinda jaya
bole re mana hare kṛṣṇā hare

he mere giridhara he gopālā
he mere giridhara he gopālā
tū hī duḥkha dūra kare

hare kṛṣṇā hare
hare kṛṣṇā hare
hare rāma hare
hare kṛṣṇā hare

aṃdheroṃ meṃ jalate die sā
sā~cā terā nāma re kānhā
sā~cā terā nāma

cāṃdī sone se bhī kharā hai
eka merā ghanaśyāma jagata kā
eka merā ghanaśyāma

āna paḍa़ī maiṃ dvāra khaḍa़ī maiṃ
āna paḍa़ī maiṃ dvāra khaḍa़ī maiṃ
tū hī duḥkha dūra kare

hare kṛṣṇā hare
hare kṛṣṇā hare
hare rāma hare
hare kṛṣṇā hare

hare kṛṣṇā hare
hare kṛṣṇā hare
hare rāma hare
hare kṛṣṇā hare

hare kṛṣṇā hare
hare kṛṣṇā hare
hare rāma hare
hare kṛṣṇā hare

hare kṛṣṇā hare
hare kṛṣṇā hare
hare rāma hare
hare kṛṣṇā hare

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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