धर्म

बालाजी की आरती – Bala Ji Ki Aarti

बालाजी की आरती (Bala Ji Ki Aarti) संकट का नाश कर देती है। बालाजी अर्थात् हनुमान जी सब दुःख-दर्द मिटाने वाले हैं। हनुमान चालीसा के अनुसार माता सीता के आशीर्वाद से श्री हनुमान आठ सिद्धियाँ और नौ निधियाँ देने में सक्षम हैं। पढ़ें बालाजी की आरती हिंदी में–

ॐ जय हनुमत वीरा स्वामी जय हनुमत वीरा,
संकट मोचन स्वामी तुम हो रणधीरा ॥ ॐ ॥

पवन-पुत्र अंजनी-सुत महिमा अति भारी,
दुःख दरिद्र मिटाओ संकट सब हारी ॥ ॐ ॥

बाल समय में तुमने रवि को भक्ष लियो,
देवन स्तुति कीन्ही तब ही छोड़ दियो ॥ ॐ ।।

कपि सुग्रीव राम संग मैत्री करवाई,
बाली बली मराय कपीसहिं गद्दी दिलवाई॥ ॐ ॥

जारि तक को ले सिय की सुधि वानर हर्षाये,
कारज कठिन सुधारे रघुवर मन भाये ॥ ॐ ॥

शक्ति लगी लक्ष्मण के भारी सोच भयो,
लाय संजीवन बूटी दुःख सब दूर क्यों ॥ ॐ ॥

ले पाताल अहिरावण जबहि पैठि गयो,
ताहि मारी प्रभु लाये जय जयकार भयो॥ ॐ ॥

घाटे मेंहदीपुर में शोभित दर्शन अति भारी,
मंगल और शनिश्चर मेला है जारी॥ ॐ ॥

श्री बालाजी की आरती जो कोई नर गावे,
कहत इन्द्र हर्षित मन वांछित फल पावे ॥ ॐ ॥

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विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर बालाजी की आरती (Bala Ji Ki Aarti) को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें बालाजी की आरती रोमन में–

Read Bala Ji Ki Aarti

oṃ jaya hanumata vīrā svāmī jaya hanumata vīrā,
saṃkaṭa mocana svāmī tuma ho raṇadhīrā ॥ oṃ ॥

pavana-putra aṃjanī-suta mahimā ati bhārī,
duḥkha daridra miṭāo saṃkaṭa saba hārī ॥ oṃ ॥

bāla samaya meṃ tumane ravi ko bhakṣa liyo,
devana stuti kīnhī taba hī choḍa़ diyo ॥ oṃ ।।

kapi sugrīva rāma saṃga maitrī karavāī,
bālī balī marāya kapīsahiṃ gaddī dilavāī॥ oṃ ॥

jāri taka ko le siya kī sudhi vānara harṣāye,
kāraja kaṭhina sudhāre raghuvara mana bhāye ॥ oṃ ॥

śakti lagī lakṣmaṇa ke bhārī soca bhayo,
lāya saṃjīvana būṭī duḥkha saba dūra kyoṃ ॥ oṃ ॥

le pātāla ahirāvaṇa jabahi paiṭhi gayo,
tāhi mārī prabhu lāye jaya jayakāra bhayo॥ oṃ ॥

ghāṭe meṃhadīpura meṃ śobhita darśana ati bhārī,
maṃgala aura śaniścara melā hai jārī॥ oṃ ॥

śrī bālājī kī āratī jo koī nara gāve,
kahata indra harṣita mana vāṃchita phala pāve ॥ oṃ ॥

बालाजी के स्वरूप में हनुमान जी की यह आरती जो भी भक्त पढ़ता है, उसके पाप-ताप शांत होते हैं तथा अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है। हनुमान जी बल व बुद्धि के देवता हैं। इसे गाने से स्वतः ये गुण विकसित हो जाते हैं।

दोस्तो, हमने हिंदीपथ के माध्यम से आप सभी के साथ बालाजी की आरती (Balaji Ki Aarti) साझा की है। आशा है कि हमारा यह प्रयास आप लोगों को अच्छा लगा होगा। यहाँ से आप बालाजी की आरती PDF भी डाउनलोड कर सकते हैं। इसे डाउनलोड करके आप अपने डिवाइस में सेव करके या फिर इसका प्रिंट भी निकलवाकर रख सकते हैं। 

आईये अब जानते हैं बालाजी से जुड़ी हुई कुछ अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाँ एवं तथ्य। 

भारत के कुछ क्षेत्रों में, हनुमानजी को बालाजी हनुमान के रूप में जाना जाता है। आज, तिरुमाला तिरुपति मंदिर में पूजे जाने वाले भगवान वेंकटेश्वर को संदर्भित करने के लिए बालाजी शब्द अधिक लोकप्रिय है। लेकिन हनुमान जी को बालाजी कहने के पीछे क्या कारण है? इनके बालाजी नाम का कारण और कहानी आंजनेय के बचपन से जुड़ी है। बचपन में किए गए चमत्कारों के कारण हनुमानजी को बालाजी के नाम से जाना जाता है। भक्त बालक हनुमान को बाला जी के नाम से संबोधित करते हैं।

राजस्थान के मेहंदीपुर में बालाजी हनुमान की पूजा की जाती है। हनुमान जी के बचपन की पूजा इन क्षेत्रों में बालाजी के रूप में की जाती है – विशेष रूप से राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, और उत्तर भारत के कई अन्य क्षेत्रों में। बालाजी की पूजा एक अनोखे कारण से भी की जाती है – लोगों को बुरी आत्माओं से छुटकारा दिलाने के लिए। ऐसा माना जाता है कि हनुमान ने प्रेतराज सरकार को भूतों का राजा नियुक्त किया था। वे एक साथ उन लोगों को राहत देते हैं जो बुरी आत्माओं और भूतों से ग्रस्त हैं।

मेहंदीपुर के बालाजी की आरती का भी विशेष महत्व है। इस आरती के प्रभाव से सभी प्रकार की दुष्ट और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति पाई जा सकती है। 

बालाजी की आरती कब करें

  • बालाजी की आरती आप सच्चे मन से और पूर्ण श्रद्धा के साथ कभी भी कर सकते हैं, परन्तु इसके लिए मंगलवार और शनिवार का दिन सर्वोत्तम माना जाता है। 
  • आपको हनुमान जी पर पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ ही इस आरती का वाचन करना चाहिए। 
  • प्रातः काल और संध्या वेला में आरती करना उचित होता है। 
  • शारीरिक और मानसिक रूप से शुद्धता और पवित्रता के साथ ही आरती करें। 
  • किसी हनुमान मंदिर में जाकर या घर पर ही हनुमान जी की तस्वीर या प्रतिमा के सामने आरती कर सकते हैं। 

बालाजी की आरती के फायदे 

  • नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति मिलती है। 
  • जीवन में सुख और समृद्धि का प्रवाह होता है। 
  • सभी प्रकार के दुखों और रोगों से मुक्ति मिलती है। 
  • इस आरती के प्रभाव से बालाजी बुरी और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करते हैं। 

इस प्रकार विधि विधान से बालाजी हनुमान की पूजा एवं आरती करने वाले पर अंजनी लाला अपनी कृपा ज़रूर बरसाते हैं। बोलो बालाजी महाराज की जय!

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हनुमान वडवानल स्तोत्रआज मंगलवार हैहनुमत बीसाहनुमत पंचरत्न स्तोत्रहनुमान साठिकाहनुमान बाहुकहे दुख भंजन मारुति नंदनमंगल प्रदोष व्रत कथामंगलवार व्रत कथामारुती स्तोत्र भीमरूपी महारुद्राबालाजी चालीसाबालाजी की आरतीहनुमत पंचरत्न स्तोत्रराम न मिलेंगे हनुमान के बिनहनुमान अष्टकहनुमान अमृतवाणीअंजनी माता की आरतीमारुती स्तोत्रत्रिमूर्तिधाम हनुमान जी की आरतीहनुमान चालीसाअब दया करो बजंगबलीराम न मिलेंगे हनुमान के बिनादुनिया चले ना श्री रामहनुमान द्वादश नाम स्तोत्रहनुमत स्तवनपंचमुखी हनुमान कवचवानर गीताआसमान को छूकर देखामंगल मूर्ति मारुति नंदनहनुमान जी के 108 नामसुंदरकांड की आरतीमेरी आस बालाजीमैं वारी जाऊँ बालाजीबालाजी आछा लागे सै

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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