धर्म

अंजनी माता की आरती – Anjani Mata Ki Aarti

अंजनी माता की आरती का पाठ करें हिंदीपथ पर। जो इस आरती को पढ़ता है उसे बजरंगबली महाराज की कृपा से सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। अंजनी चालीसा आदि के पाठ के उपरान्त तथा माता की पूजा के पश्चात इस आरती को पढ़ने का विधान है। पढ़ें अंजनी माता की आरती–

ॐ जय श्री अंजनी माता, मैया जय श्री अंजनी माता।
कपि केशरी महारानी, हनुमत की माता॥

॥ ॐ जय श्री अंजनी माता, मैया जय श्री अंजनी माता ॥

चार भुजा अति सुन्दर, शीश मुकुट सोहे।
गल मोतियन की माला, दर्शन मन मोहे॥

॥ ॐ जय श्री अंजनी माता, मैया जय श्री अंजनी माता ॥

आदि कुमारी माता, शक्ति जगदम्बा
उमा रमा ब्रह्माणी, त्रिभुवन जन अम्बा

॥ ॐ जय श्री अंजनी माता, मैया जय श्री अंजनी माता ॥

पन्नाराम सुखदाता, जिन पर कृपा करो।
रचना रुचिर रचाई, सालासर नगरी॥

॥ ॐ जय श्री अंजनी माता, मैया जय श्री अंजनी माता ॥

सिद्ध पीठ यह मातु, हरि की नामकरण कीन्हा।
भजनी दास तिहारो, तिन को वर दीन्हा॥

॥ ॐ जय श्री अंजनी माता, मैया जय श्री अंजनी माता ॥

यह आरती माता जी की जो कोई नर गावे।
हनुमान जी की कृपा से जग में, सुख समृद्धि पावे॥

॥ ॐ जय श्री अंजनी माता, मैया जय श्री अंजनी माता ॥

यह भी पढ़ें – अंजनी माता चालीसा

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर अंजनी माता की आरती (Anjani Mata Ki Aarti) को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें यह आरती रोमन में–

Read Anjani Mata Ki Aarti

oṃ jaya śrī aṃjanī mātā, maiyā jaya śrī aṃjanī mātā।
kapi keśarī mahārānī, hanumata kī mātā॥

॥ oṃ jaya śrī aṃjanī mātā, maiyā jaya śrī aṃjanī mātā ॥

cāra bhujā ati sundara, śīśa mukuṭa sohe।
gala motiyana kī mālā, darśana mana mohe॥

॥ oṃ jaya śrī aṃjanī mātā, maiyā jaya śrī aṃjanī mātā ॥

ādi kumārī mātā, śakti jagadambā।
umā ramā brahmāṇī, tribhuvana jana ambā॥

॥ oṃ jaya śrī aṃjanī mātā, maiyā jaya śrī aṃjanī mātā ॥

pannārāma sukhadātā, jina para kṛpā karo।
racanā rucira racāī, sālāsara nagarī॥

॥ oṃ jaya śrī aṃjanī mātā, maiyā jaya śrī aṃjanī mātā ॥

siddha pīṭha yaha mātu, hari kī nāmakaraṇa kīnhā।
bhajanī dāsa tihāro, tina ko vara dīnhā॥

॥ oṃ jaya śrī aṃjanī mātā, maiyā jaya śrī aṃjanī mātā ॥

yaha āratī mātā jī kī jo koī nara gāve।
hanumāna jī kī kṛpā se jaga meṃ, sukha samṛddhi pāve॥

॥ oṃ jaya śrī aṃjanī mātā, maiyā jaya śrī aṃjanī mātā ॥

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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