मल्लिनाथ आरती – Mallinath Aarti
मल्लिनाथ आरती (Mallinath Aarti) का पाठ किसी भी व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति के लिए प्रेरित करता है। कहते हैं कि भगवान श्री मल्लिनाथ आरती के नित्य पाठ से मुश्किल से मुश्किल कार्य संभव हो जाता है। कलश चिह्न के साथ भगवान मल्लिनाथ आरती परम शक्तिदायिनी एवं सांसारिक उन्नति के मार्ग को प्रशस्त करने वाली है। सच्चे हृदय से भगवान श्री मल्लिनाथ की आरती पढ़ें और अपने ज्ञान चक्षु खोलते हुए तरक्की के मार्ग पर बढ़ें।
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ॐ जय मल्लिनाथ स्वामी,
प्रभु जय मल्लिनाथ स्वामी॥
शल्य नशें भक्तों की,
होवें निष्कामी॥ॐ जय…॥टेक.॥
चैत्र सुदी एकम को,
गर्भ बसे आके॥ स्वामी.॥
प्रजावती मां कुम्भराज पितु,
अतिशय हर्षाते॥ॐ जय…॥१॥
जन्म हुआ मिथिला में,
मगशिर सुदि ग्यारस॥ स्वामी.॥
इसी दिवस शुभ दीक्षा लेकर,
सफल किया स्वारथ॥ॐ जय…॥२॥
पौष कृष्ण दुतिया को,
केवलरवि प्रगटा॥स्वामी.॥
इन्द्र स्वयं आकर तब,
समवसरण रचता॥ॐ जय…॥३॥
फाल्गुन सुदि सप्तमि को,
मोक्षधाम पाया॥स्वामी.॥
सम्मेदाचल पर जा,
स्वात्मधाम पाया॥ॐ जय…॥४॥
स्वर्ण शरीरी पर अशरीरी,
बने मल्लिप्रभु जी॥स्वामी.॥
करे ‘‘चंदनामति’’ तव वन्दन,
तुम सम बने मती॥ॐ जय…॥५॥
विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर मल्लिनाथ आरती (Mallinath Aarti) को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें मल्लिनाथ की आरती रोमन में–
oṃ jaya mallinātha svāmī,
prabhu jaya mallinātha svāmī॥
śalya naśeṃ bhaktoṃ kī,
hoveṃ niṣkāmī॥oṃ jaya…॥ṭeka.॥
caitra sudī ekama ko,
garbha base āke॥svāmī.॥
prajāvatī māṃ kumbharāja pitu,
atiśaya harṣāte॥oṃ jaya…॥1॥
janma huā mithilā meṃ,
magaśira sudi gyārasa॥svāmī.॥
isī divasa śubha dīkṣā lekara,
saphala kiyā svāratha॥oṃ jaya…॥2॥
pauṣa kṛṣṇa dutiyā ko,
kevalaravi pragaṭā॥svāmī.॥
indra svayaṃ ākara taba,
samavasaraṇa racatā॥oṃ jaya…॥3॥
phālguna sudi saptami ko,
mokṣadhāma pāyā॥svāmī.॥
sammedācala para jā,
svātmadhāma pāyā॥oṃ jaya…॥4॥
svarṇa śarīrī para aśarīrī,
bane malliprabhu jī॥svāmī.॥
kare ‘‘caṃdanāmati’’ tava vandana,
tuma sama bane matī॥oṃ jaya…॥5॥