चंद्रप्रभु आरती – Chandraprabhu Aarti
चंद्रप्रभु आरती जैन धर्म के आठवें तीर्थंकर चंद्रप्रभु जी को नमन करने के लिए की जाती हैI राजस्थान के अलवर जिले के तिजारा में चंद्रप्रभु जी का प्रसिद्ध मंदिर है, जहाँ अनुयायियों द्वारा दर्शन के बाद चंद्रप्रभु आरती (Chandraprabhu Aarti) भी की जाती हैI कहते हैं श्वेत वर्ण चन्द्रप्रभ जी की आरती भक्तों को सभी सांसारिक बंधनों से मुक्ति दिलाती हैI चंद्रप्रभु आरती पढ़ने से पाठकों को जीवन में सफलता एवं समृद्धि मिलती है और उनके सभी कष्टों का अंत होता हैI
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जय चंद्रप्रभु देवा, स्वामी जय चंद्रप्रभुदेवा ।
तुम हो विघ्न विनाशक स्वामी, तुम हो विघ्न विनाशक स्वामी
पार करो देवा, स्वामी पार करो देवा ॥
जय चंद्रप्रभु देवा…
मात सुलक्षणा पिता तुम्हारे महासेन देवा
चन्द्र पूरी में जनम लियो हैं स्वामी देवों के देवा
तुम हो विघ्न विनाशक, स्वामी पार करो देवा ॥
जय चंद्रप्रभु देवा…
जन्मोत्सव पर प्रभु तिहारे, सुर नर हर्षाये
रूप तिहार महा मनोहर सब ही को भायें
तुम हो विघ्न विनाशक, स्वामी पार करो देवा ॥
जय चंद्रप्रभु देवा…
बाल्यकाल में ही प्रभु तुमने दीक्षा ली प्यारी
भेष दिगंबर धारा, महिमा हैं न्यारी
तुम हो विघ्न विनाशक, स्वामी पार करो देवा ॥
जय चंद्रप्रभु देवा…
फाल्गुन वदि सप्तमी को, प्रभु केवल ज्ञान हुआ
खुद जियो और जीने दो का सबको सन्देश दिया
तुम हो विघ्न विनाशक, स्वामी पार करो देवा ॥
जय चंद्रप्रभु देवा…
अलवर प्रान्त में नगर तिजारा, देहरे में प्रगटे
मूर्ति तिहारी अपने अपने नैनन, निरख निरख हर्षे
तुम हो विघ्न विनाशक, स्वामी पार करो देवा ॥
जय चंद्रप्रभु देवा…
हम प्रभु दास तिहारे, निश दिन गुण गावें
पाप तिमिर को दूर करो, प्रभु सुख शांति लावें
तुम हो विघ्न विनाशक, स्वामी पार करो देवा ॥
जय चंद्रप्रभु देवा…
विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर चंद्रप्रभु आरती (Chandraprabhu Aarti) को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें चंद्रप्रभु आरती की आरती रोमन में–
jaya caṃdraprabhu devā, svāmī jaya caṃdraprabhudevā ।
tuma ho vighna vināśaka svāmī, tuma ho vighna vināśaka svāmī
pāra karo devā, svāmī pāra karo devā ॥
jaya caṃdraprabhu devā…
māta sulakṣaṇā pitā tumhāre mahāsena devā
candra pūrī meṃ janama liyo haiṃ svāmī devoṃ ke devā
tuma ho vighna vināśaka, svāmī pāra karo devā ॥
jaya caṃdraprabhu devā…
janmotsava para prabhu tihāre, sura nara harṣāye
rūpa tihāra mahā manohara saba hī ko bhāyeṃ
tuma ho vighna vināśaka, svāmī pāra karo devā ॥
jaya caṃdraprabhu devā…
bālyakāla meṃ hī prabhu tumane dīkṣā lī pyārī
bheṣa digaṃbara dhārā, mahimā haiṃ nyārī
tuma ho vighna vināśaka, svāmī pāra karo devā ॥
jaya caṃdraprabhu devā…
phālguna vadi saptamī ko, prabhu kevala jñāna huā
khuda jiyo aura jīne do kā sabako sandeśa diyā
tuma ho vighna vināśaka, svāmī pāra karo devā ॥
jaya caṃdraprabhu devā…
alavara prānta meṃ nagara tijārā, dehare meṃ pragaṭe
mūrti tihārī apane apane nainana, nirakha nirakha harṣe
tuma ho vighna vināśaka, svāmī pāra karo devā ॥
jaya caṃdraprabhu devā…
hama prabhu dāsa tihāre, niśa dina guṇa gāveṃ
pāpa timira ko dūra karo, prabhu sukha śāṃti lāveṃ
tuma ho vighna vināśaka, svāmī pāra karo devā ॥
jaya caṃdraprabhu devā…