धर्म

केतु कवच – Ketu Kavacham

केतु कवच चमत्कारी रूप से शक्तिशाली स्तोत्र है जो केतु ग्रह को समर्पित है। ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से बात करें तो केतु एक छाया ग्रह है जिसका कुंडली पर बहुत प्रभाव पड़ता है। पौराणिक आख्यान के अनुसार भगवान विष्णु ने जब समुद्र मंथन के दौरान चक्र से दैत्य का सर काटा तो सर राहु बना जबकि धड़ केतु के नाम से जाना गया है। केतु कवच केतु ग्रह को प्रसन्न करने का उत्तम उपाय है। जन्म-कुंडली में वे सदैव एक-दूसरे के सप्तम स्थान पर रहते हैं। शास्त्रों के अनुसार इस ग्रह के अधिदेवता चित्रकेतु और प्रत्यधिदेवता ब्रह्मा जी हैं। केतु की शान्ति के लिए उपाय-स्वरूप दिन में तीन बार केतु कवच स्तोत्र को पढ़ने का विधान है।

केतु कवच पढ़ें

अस्य श्रीकेतुकवचस्तोत्रमंत्रस्य त्र्यंबक ऋषिः।
अनुष्टप् छन्दः। केतुर्देवता। कं बीजं। नमः शक्तिः।
केतुरिति कीलकम् I केतुप्रीत्यर्थं जपे विनियोगः॥

केतु करालवदनं चित्रवर्णं किरीटिनम्।
प्रणमामि सदा केतुं ध्वजाकारं ग्रहेश्वरम् ॥१॥

चित्रवर्णः शिरः पातु भालं धूम्रसमद्युतिः।
पातु नेत्रे पिंगलाक्षः श्रुती मे रक्तलोचनः ॥२॥

घ्राणं पातु सुवर्णाभश्चिबुकं सिंहिकासुतः।
पातु कंठं च मे केतुः स्कंधौ पातु ग्रहाधिपः ॥३॥

हस्तौ पातु श्रेष्ठः कुक्षिं पातु महाग्रहः।
सिंहासनः कटिं पातु मध्यं पातु महासुरः ॥४॥

ऊरुं पातु महाशीर्षो जानुनी मेSतिकोपनः।
पातु पादौ च मे क्रूरः सर्वाङ्गं नरपिंगलः ॥५॥

य इदं कवचं दिव्यं सर्वरोगविनाशनम्।
सर्वशत्रुविनाशं च धारणाद्विजयि भवेत् ॥६॥

॥ इति श्रीब्रह्माण्डपुराणे केतुकवचं संपूर्णं ॥

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विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर चंद्र कवच स्तोत्र (Chandra Kavach) को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें चंद्र कवच स्तोत्र रोमन में–

Read Ketu Kavacham

asya śrīketukavacastotramaṃtrasya tryaṃbaka ṛṣiḥ।
anuṣṭap chandaḥ। keturdevatā। kaṃ bījaṃ। namaḥ śaktiḥ।
keturiti kīlakam I ketuprītyarthaṃ jape viniyogaḥ॥

ketu karālavadanaṃ citravarṇaṃ kirīṭinam।
praṇamāmi sadā ketuṃ dhvajākāraṃ graheśvaram ॥1॥

citravarṇaḥ śiraḥ pātu bhālaṃ dhūmrasamadyutiḥ।
pātu netre piṃgalākṣaḥ śrutī me raktalocanaḥ ॥2॥

ghrāṇaṃ pātu suvarṇābhaścibukaṃ siṃhikāsutaḥ।
pātu kaṃṭhaṃ ca me ketuḥ skaṃdhau pātu grahādhipaḥ ॥3॥

hastau pātu śreṣṭhaḥ kukṣiṃ pātu mahāgrahaḥ।
siṃhāsanaḥ kaṭiṃ pātu madhyaṃ pātu mahāsuraḥ ॥4॥

ūruṃ pātu mahāśīrṣo jānunī meStikopanaḥ।
pātu pādau ca me krūraḥ sarvāṅgaṃ narapiṃgalaḥ ॥5॥

ya idaṃ kavacaṃ divyaṃ sarvarogavināśanam।
sarvaśatruvināśaṃ ca dhāraṇādvijayi bhavet ॥6॥

॥ iti śrībrahmāṇḍapurāṇe ketukavacaṃ saṃpūrṇaṃ॥

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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