धर्म

महाकाल की बारात में – Mahakal Ki Barat Mein Lyrics

पढ़ें “महाकाल की बारात में” लिरिक्स

डम ढोल नगाड़ा बाजे,
झन झन झनकारा बाजे,
डम डम डम डमरु बाजे,
महाकाल की बारात में,
महाकाल की बारात मे ॥

दूल्हा बने भोले भंडारी,
तन पर भस्म रमाके,
भूत प्रेत नंदी गण नाचे,
बज रहे ढोल ढमाके,
मस्तक पर चंदा साजे,
नंदी पर आप विराजे,
डम डम डम डमरु बाजे,
महाकाल की बारात मे ॥

भांग धतुरा पिये हलाहल,
दूल्हा बड़ा निराला,
माँ पार्वती के दिल को भाया,
ये कैसा दिलवाला,
जिसके गले में नाग विराजे,
मृगशाला तन पर साजे,
डम डम डम डमरु बाजे,
महाकाल की बारात मे ॥

उजले होकर सज गए भोले,
मोहक रुप बनाए,
ब्रम्हा जी मृदंग बजाते,
विष्णु मंगल गाए,
श्रृंगी भृंगी भी नाचे,
देव और दानव भी नाचे,
‘गौरव तिलक’ भी नाचे,
महाकाल की बारात में,
डम डम डम डमरु बाजे,
महाकाल की बारात मे ॥

डम ढोल नगाड़ा बाजे,
झन झन झनकारा बाजे,
डम डम डम डमरु बाजे,
महाकाल की बारात में ॥

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर हम महाकाल की बारात में भजन को रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें यह शिव भजन रोमन में–

Read Mahakal Ki Barat Mein

ḍama ḍhola nagāḍa़ā bāje,
jhana jhana jhanakārā bāje,
ḍama ḍama ḍama ḍamaru bāje,
mahākāla kī bārāta meṃ,
mahākāla kī bārāta me ॥

dūlhā bane bhole bhaṃḍārī,
tana para bhasma ramāke,
bhūta preta naṃdī gaṇa nāce,
baja rahe ḍhola ḍhamāke,
mastaka para caṃdā sāje,
naṃdī para āpa virāje,
ḍama ḍama ḍama ḍamaru bāje,
mahākāla kī bārāta me ॥

bhāṃga dhaturā piye halāhala,
dūlhā baḍa़ā nirālā,
mā~ pārvatī ke dila ko bhāyā,
ye kaisā dilavālā,
jisake gale meṃ nāga virāje,
mṛgaśālā tana para sāje,
ḍama ḍama ḍama ḍamaru bāje,
mahākāla kī bārāta me ॥

ujale hokara saja gae bhole,
mohaka rupa banāe,
bramhā jī mṛdaṃga bajāte,
viṣṇu maṃgala gāe,
śrṛṃgī bhṛṃgī bhī nāce,
deva aura dānava bhī nāce,
‘gaurava tilaka’ bhī nāce,
mahākāla kī bārāta meṃ,
ḍama ḍama ḍama ḍamaru bāje,
mahākāla kī bārāta me ॥

ḍama ḍhola nagāḍa़ā bāje,
jhana jhana jhanakārā bāje,
ḍama ḍama ḍama ḍamaru bāje,
mahākāla kī bārāta meṃ ॥

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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