कविता

रक्षा बंधन – Raksha Bandhan Special Song

“रक्षा बंधन” के लिरिक्स पढ़ें हिंदी में। बाबुल सुप्रियो और प्रिया की आवाज़ में सजे इस गीत को  लिखा है आनंद शर्मा, बोनी और पारोने।

मेरे प्यारे भाई को,
बहना का प्यार,
भाई बहन का ये संबंध,
राखी का त्यौहार।

मेरी प्यारी बहन को,
भैया का दुलार,
भाई बहन का ये संबंध,
राखी का त्यौहार।

आज आया राखी का त्यौहार,
आज आया राखी का त्यौहार।

रेशम की डोरी में बंधा है प्यार,
बदले में मांगूँ,
अपनी रक्षा की सौगात।
रक्षा करूँगा हमेशा मैं तेरी,
मेरे इस प्यार को देखेगा संसार।

आज आया राखी का त्यौहार,
आज आया राखी का त्यौहार।

बहनों का साल में आया है ये दिन,
जो चाहे मांग ले, मिले इस दिन।

मेरे भाई की लम्बी उम्र हो,
सारी उम्र हो खुशियों की बरखा हो।

आज आया राखी का त्यौहार,
आज आया राखी का त्यौहार।

मेरे प्यारे भाई को,
बहना का प्यार,
भाई बहन का ये संबंध,
राखी का त्यौहार।
आज आया राखी का त्यौहार।

विदेशों में बसे हमारे बहुत से पाठकों ने निवेदन किया है कि हम रक्षा बंधन गीत के बोल हिंदी (देवनागरी) के साथ रोमन में भी प्रस्तुत करें। इसी को ध्यान में रखकर हम ये लिरिक्स अंग्रेजी में भी पेश कर रहे हैं–

Raksha Bandhan Song Lyrics

mere pyāre bhāī ko,
bahanā kā pyāra,
bhāī bahana kā ye saṃbaṃdha,
rākhī kā tyauhāra।

merī pyārī bahana ko,
bhaiyā kā dulāra,
bhāī bahana kā ye saṃbaṃdha,
rākhī kā tyauhāra।

āja āyā rākhī kā tyauhāra,
āja āyā rākhī kā tyauhāra।

reśama kī ḍorī meṃ baṃdhā hai pyāra,
badale meṃ māṃgū~,
apanī rakṣā kī saugāta।
rakṣā karū~gā hameśā maiṃ terī,
mere isa pyāra ko dekhegā saṃsāra।

āja āyā rākhī kā tyauhāra,
āja āyā rākhī kā tyauhāra।

bahanoṃ kā sāla meṃ āyā hai ye dina,
jo cāhe māṃga le, mile isa dina।

mere bhāī kī lambī umra ho,
sārī umra ho khuśiyoṃ kī barakhā ho।

āja āyā rākhī kā tyauhāra,
āja āyā rākhī kā tyauhāra।

mere pyāre bhāī ko,
bahanā kā pyāra,
bhāī bahana kā ye saṃbaṃdha,
rākhī kā tyauhāra।
āja āyā rākhī kā tyauhāra।

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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