धर्म

वो इंद्र जिनकी – Woh Indra Jinki Lyrics

वो इंद्र जिनकी पादुका की सेवा करते मान मे
जो नाग कंठ में सजाये रहते हर आयाम मे
सब योगी जिनकी वंदना करे सुबह व शाम मे
वो काशीनाथ भोले को मै भजु आठों याम मे

वो कंठ व्याल चन्द्रभाल नर कपाल धारते
वो पांच तत्व के पिता है नंदी पर विहारते
जगत्गुरु जगत्पिता जगत् के कष्ट हारते
वो काशीनाथ भोले को मै भजु आठों याम मे

किरीट सर्प रूप मे जो शीश पर है धारते
वो भूत नाथ गौरी संग उर मनुष्य वासते
समस्त सिद्धिया है जिनकी तर्जनी के भाग मे
वो काशीनाथ भोले को मै भजु आठों याम मे

असंख्य भानु का है तेज जिनके शीश माथ पे
कपूर सम है गौर पाप कापे जिनके नाम से
मलयगिरी का अंगराग शोभे भुज विशाल पे
वो काशीनाथ भोले को मै भजु आठों याम मे

त्रिशूल डमरू खड्ग से जो करते पाप नाश है
वे गौरवर्ण धारी देव देते ज्ञान त्राण है
तांडव करे प्रचंड जो नटराज तीनों काल मे
वो काशीनाथ भोले को मै भजु आठों याम मे

है वृषभध्वज को धारते अधर्म कर्म तारते
गरल भुजंग सर्व अंग में प्रभु है धारते
वीरभद्र करते मान बन के जिनका बाण है
वो काशीनाथ भोले को मै भजु आठों याम मे

दिव्य रत्न झूले जिनकी पादुका प्रचंड मे
बल भी है अनंत जिनके शूल व भुज़दंड मे
मृत्यु जिनके पृष्ठभाग मे सदा विराजते
वो काशीनाथ भोले को मै भजु आठों याम मे

पंचभूत नाथ है विशाल कीर्ति साथ है
पूजे शिव को प्रेम से तो शिव भी तेरे साथ है
ताप शाप दुख नाश करते निज निवास मे
वो काशीनाथ भोले को मै भजु आठों याम मे

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर वो इंद्र जिनकी भजन को रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें यह शिव भजन रोमन में–

Read Woh Indra Jinki Lyrics

vo iṃdra jinakī pādukā kī sevā karate māna me
jo nāga kaṃṭha meṃ sajāye rahate hara āyāma me
saba yogī jinakī vaṃdanā kare subaha va śāma me
vo kāśīnātha bhole ko mai bhaju āṭhoṃ yāma me

vo kaṃṭha vyāla candrabhāla nara kapāla dhārate
vo pāṃca tatva ke pitā hai naṃdī para vihārate
jagatguru jagatpitā jagat ke kaṣṭa hārate
vo kāśīnātha bhole ko mai bhaju āṭhoṃ yāma me

kirīṭa sarpa rūpa me jo śīśa para hai dhārate
vo bhūta nātha gaurī saṃga ura manuṣya vāsate
samasta siddhiyā hai jinakī tarjanī ke bhāga me
vo kāśīnātha bhole ko mai bhaju āṭhoṃ yāma me

asaṃkhya bhānu kā hai teja jinake śīśa mātha pe
kapūra sama hai gaura pāpa kāpe jinake nāma se
malayagirī kā aṃgarāga śobhe bhuja viśāla pe
vo kāśīnātha bhole ko mai bhaju āṭhoṃ yāma me

triśūla ḍamarū khaḍga se jo karate pāpa nāśa hai
ve gauravarṇa dhārī deva dete jñāna trāṇa hai
tāṃḍava kare pracaṃḍa jo naṭarāja tīnoṃ kāla me
vo kāśīnātha bhole ko mai bhaju āṭhoṃ yāma me

hai vṛṣabhadhvaja ko dhārate adharma karma tārate
garala bhujaṃga sarva aṃga meṃ prabhu hai dhārate
vīrabhadra karate māna bana ke jinakā bāṇa hai
vo kāśīnātha bhole ko mai bhaju āṭhoṃ yāma me

divya ratna jhūle jinakī pādukā pracaṃḍa me
bala bhī hai anaṃta jinake śūla va bhuja़daṃḍa me
mṛtyu jinake pṛṣṭhabhāga me sadā virājate
vo kāśīnātha bhole ko mai bhaju āṭhoṃ yāma me

paṃcabhūta nātha hai viśāla kīrti sātha hai
pūje śiva ko prema se to śiva bhī tere sātha hai
tāpa śāpa dukha nāśa karate nija nivāsa me
vo kāśīnātha bhole ko mai bhaju āṭhoṃ yāma me

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सुरभि भदौरिया

सात वर्ष की छोटी आयु से ही साहित्य में रुचि रखने वालीं सुरभि भदौरिया एक डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी चलाती हैं। अपने स्वर्गवासी दादा से प्राप्त साहित्यिक संस्कारों को पल्लवित करते हुए उन्होंने हिंदीपथ.कॉम की नींव डाली है, जिसका उद्देश्य हिन्दी की उत्तम सामग्री को जन-जन तक पहुँचाना है। सुरभि की दिलचस्पी का व्यापक दायरा काव्य, कहानी, नाटक, इतिहास, धर्म और उपन्यास आदि को समाहित किए हुए है। वे हिंदीपथ को निरन्तर नई ऊँचाइंयों पर पहुँचाने में सतत लगी हुई हैं।

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