कल्कि आरती – Kalki Aarti
पढ़ें “कल्कि आरती” लिरिक्स
ॐ जय जय सुर रक्षक असुर विनाशक,
पद्मावत के प्यारे॥
जय जय श्री कल्कि भक्त हितकारी,
दुष्टन मारन हारे॥
जय जय खड्गधारी जय असुरारी,
गऊ विप्रन के रखवारे॥
क्षीर सागरवासी जय अविनाशी,
भूमि भार उतारन हारे॥
अलख निरंजन भव भय भंजन,
जय संभल सरकारे॥
भक्त जानो के पालनकर्ता,
जय गउन रखवारे॥
जय जयकार करत सब भक्तजन,
सुनिए प्राण प्यारे॥
वेगहि सुधि लेना मेरे स्वामी,
हम सब दास पुकारे॥
ॐ जय जय कल्कि भगवान
ॐ जय जय कल्कि भगवान
बार बरोबर बाढ़ है,
तापर चलत ब्यार॥
श्री कल्कि पार उतारिये,
अपनी और निहार॥
॥ इति श्री कल्कि भगवान की आरती सम्पूर्ण॥
विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर कल्कि आरती (Kalki Aarti) को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें यह आरती रोमन में–
Read Kalki Aarti
oṃ jaya jaya sura rakṣaka asura vināśaka,
padmāvata ke pyāre॥
jaya jaya śrī kalki bhakta hitakārī,
duṣṭana mārana hāre॥
jaya jaya khaḍgadhārī jaya asurārī,
gaū viprana ke rakhavāre॥
kṣīra sāgaravāsī jaya avināśī,
bhūmi bhāra utārana hāre॥
alakha niraṃjana bhava bhaya bhaṃjana,
jaya saṃbhala sarakāre॥
bhakta jāno ke pālanakartā,
jaya gauna rakhavāre॥
jaya jayakāra karata saba bhaktajana,
sunie prāṇa pyāre॥
vegahi sudhi lenā mere svāmī,
hama saba dāsa pukāre॥
oṃ jaya jaya kalki bhagavāna
oṃ jaya jaya kalki bhagavāna
bāra barobara bāढ़ hai,
tāpara calata byāra॥
śrī kalki pāra utāriye,
apanī aura nihāra॥
॥ iti śrī kalki bhagavāna kī āratī sampūrṇa॥
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