धर्म

हरि नाम नहीं तो जीना क्या – Hari Nam Nahi To Jeena Kya Lyrics In Hindi

हरि नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरि नाम जगत में,
इसे छोड़ विषय विष पीना क्या ॥

काल सदा अपने रस डोले,
ना जाने कब सर चढ़ बोले।
हर का नाम जपो निसवासर,
अगले समय पर समय ही ना ॥

हरि नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरि नाम जगत में,
इसे छोड़ विषय विष पीना क्या ॥

भूषन से सब अंग सजावे,
रसना पर हरि नाम ना लावे।
देह पड़ी रह जावे यही पर,
फिर कुंडल और नगीना क्या ॥

हरि नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरि नाम जगत में,
इसे छोड़ विषय विष पीना क्या ॥

तीरथ है हरि नाम तुम्हारा,
फिर क्यूँ फिरता मारा मारा।
अंत समय हरि नाम ना आवे,
फिर काशी और मदीना क्या ॥

हरि नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरि नाम जगत में,
इसे छोड़ विषय विष पीना क्या ॥

हरि नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरि नाम जगत में,
इसे छोड़ विषय विष पीना क्या ॥

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर हरि नाम नहीं तो जीना क्या भजन को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें यह भजन रोमन में–

Read Hari Nam Nahi To Jeena Kya Lyrics

hari nāma nahīṃ to jīnā kyā
amṛta hai hari nāma jagata meṃ,
ise choḍa़ viṣaya viṣa pīnā kyā ॥

kāla sadā apane rasa ḍole,
nā jāne kaba sara caḍha़ bole।
hara kā nāma japo nisavāsara,
agale samaya para samaya hī nā ॥

hari nāma nahīṃ to jīnā kyā
amṛta hai hari nāma jagata meṃ,
ise choḍa़ viṣaya viṣa pīnā kyā ॥

bhūṣana se saba aṃga sajāve,
rasanā para hari nāma nā lāve।
deha paḍa़ī raha jāve yahī para,
phira kuṃḍala aura nagīnā kyā ॥

hari nāma nahīṃ to jīnā kyā
amṛta hai hari nāma jagata meṃ,
ise choḍa़ viṣaya viṣa pīnā kyā ॥

tīratha hai hari nāma tumhārā,
phira kyū~ phiratā mārā mārā।
aṃta samaya hari nāma nā āve,
phira kāśī aura madīnā kyā ॥

hari nāma nahīṃ to jīnā kyā
amṛta hai hari nāma jagata meṃ,
ise choḍa़ viṣaya viṣa pīnā kyā ॥

hari nāma nahīṃ to jīnā kyā
amṛta hai hari nāma jagata meṃ,
ise choḍa़ viṣaya viṣa pīnā kyā ॥

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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