धर्म

श्री गोवर्धन महाराज – Shri Govardhan Maharaj – Shri Devkinandan Thakur Ji

पढ़ें “श्री गोवर्धन महाराज” लिरिक्स

श्री गोवर्धन महाराज, महाराज
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ – 4

तोपे पान चढ़े, तोपे फूल चढ़े
(तोपे पान चढ़े, तोपे फूल चढ़े)
तोपे पान चढ़े, तोपे फूल चढ़े
(तोपे पान चढ़े, तोपे फूल चढ़े)
तोपे चढ़े (जय हो)
तोपे चढ़े (जय हो)
तोपे चढ़े दूध की धार, ओ धार
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ

श्री गोवर्धन महाराज, महाराज
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ

(श्री गोवर्धन महाराज, महाराज
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ)

श्री गोवर्धन महाराज, महाराज
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ

तेरे कानन कुंडल साज रहे
(तेरे कानन कुंडल साज रहे)
तेरे कानन कुंडल साज रहे
(तेरे कानन कुंडल साज रहे)
ठोड़ी पे (जय हो)
ठोड़ी पे (जय हो)
ठोड़ी पे हीरा लाल, हो लाल
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ

श्री गोवर्धन महाराज, महाराज
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ

(श्री गोवर्धन महाराज, महाराज
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ)

श्री गोवर्धन महाराज, महाराज
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ

तेरे गले में कंठा सोने को
(तेरे गले में कंठा सोने को)
तेरे गले में कंठा सोने को
(तेरे गले में कंठा सोने को)
तेरी झांकी (जय हो)
तेरी झांकी (जय हो)
तेरी झांकी बनी विशाल, हो विशाल
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ

श्री गोवर्धन महाराज, महाराज
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ

(श्री गोवर्धन महाराज, महाराज
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ)

श्री गोवर्धन महाराज, महाराज
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ

तेरी सात कोस की परिकम्मा
(तेरी सात कोस की परिकम्मा)
तेरी सात कोस की परिकम्मा
(तेरी सात कोस की परिकम्मा)
और चकले (जय हो)
और चकले (जय हो)
और चकलेश्वर विश्राम, विश्राम
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ

श्री गोवर्धन महाराज, महाराज
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ – 4

तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ

विदेशों में जा बसे बहुत से देशवासियों की मांग है कि हम श्री गोवर्धन महाराज (Shri Govardhan Maharaj) भजन को देवनागरी हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी / रोमन में भी प्रस्तुत करें ताकि वे भी इस गाने को पढ़ सकें व आनंद ले सकें। पढ़ें भजन रोमन में-

Read Shri Govardhan Maharaj Lyrics

śrī govardhana mahārāja, mahārāja
tere māthe mukuṭa virāja raheo

(śrī govardhana mahārāja, mahārāja
tere māthe mukuṭa virāja raheo)

śrī govardhana mahārāja, mahārāja
tere māthe mukuṭa virāja raheo

(śrī govardhana mahārāja, mahārāja
tere māthe mukuṭa virāja raheo)

śrī govardhana mahārāja, mahārāja
tere māthe mukuṭa virāja raheo

tope pāna caḍha़e, tope phūla caḍha़e
(tope pāna caḍha़e, tope phūla caḍha़e)
tope pāna caḍha़e, tope phūla caḍha़e
(tope pāna caḍha़e, tope phūla caḍha़e)
tope caḍha़e (jaya ho)
tope caḍha़e (jaya ho)
tope caḍha़e dūdha kī dhāra, o dhāra
tere māthe mukuṭa virāja raheo

śrī govardhana mahārāja, mahārāja
tere māthe mukuṭa virāja raheo

(śrī govardhana mahārāja, mahārāja
tere māthe mukuṭa virāja raheo)

śrī govardhana mahārāja, mahārāja
tere māthe mukuṭa virāja raheo

tere kānana kuṃḍala sāja rahe
(tere kānana kuṃḍala sāja rahe)
tere kānana kuṃḍala sāja rahe
(tere kānana kuṃḍala sāja rahe)
ṭhoḍa़ī pe (jaya ho)
ṭhoḍa़ī pe (jaya ho)
ṭhoḍa़ī pe hīrā lāla, ho lāla
tere māthe mukuṭa virāja raheo

śrī govardhana mahārāja, mahārāja
tere māthe mukuṭa virāja raheo

(śrī govardhana mahārāja, mahārāja
tere māthe mukuṭa virāja raheo)

śrī govardhana mahārāja, mahārāja
tere māthe mukuṭa virāja raheo

tere gale meṃ kaṃṭhā sone ko
(tere gale meṃ kaṃṭhā sone ko)
tere gale meṃ kaṃṭhā sone ko
(tere gale meṃ kaṃṭhā sone ko)
terī jhāṃkī (jaya ho)
terī jhāṃkī (jaya ho)
terī jhāṃkī banī viśāla, ho viśāla
tere māthe mukuṭa virāja raheo

śrī govardhana mahārāja, mahārāja
tere māthe mukuṭa virāja raheo

(śrī govardhana mahārāja, mahārāja
tere māthe mukuṭa virāja raheo)

śrī govardhana mahārāja, mahārāja
tere māthe mukuṭa virāja raheo

terī sāta kosa kī parikammā
(terī sāta kosa kī parikammā)
terī sāta kosa kī parikammā
(terī sāta kosa kī parikammā)
aura cakale (jaya ho)
aura cakale (jaya ho)
aura cakaleśvara viśrāma, viśrāma
tere māthe mukuṭa virāja raheo

śrī govardhana mahārāja, mahārāja
tere māthe mukuṭa virāja raheo

(śrī govardhana mahārāja, mahārāja
tere māthe mukuṭa virāja raheo)

śrī govardhana mahārāja, mahārāja
tere māthe mukuṭa virāja raheo

(śrī govardhana mahārāja, mahārāja
tere māthe mukuṭa virāja raheo)

tere māthe mukuṭa virāja raheo
tere māthe mukuṭa virāja raheo

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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