जाहरवीर बाबा की आरती – Jaharveer Baba Ki Aarti
जाहरवीर बाबा की आरती (Jaharveer Baba Ki Aarti) समस्त कष्टों से छुटकारा दिलाती है। बाबा जाहरवीर गोगा जी को पीर भी माना जाता है। कहते हैं कि जो सच्चे दिल से उनसे कोई भी मन्नत मांगता है, वह जरूर पूरी होती है।
परंपरा से पता चलता है कि जाहरवीर गोगा राणा श्री गुरु गोरखनाथ की कृपा से जन्मे थे। उनकी शक्ति से बिगड़े काम भी बनने लगते हैं। जाहरवीर बाबा की आरती पढ़ें–
जय जय जय जाहरवीर हरे जय जय गूगा बीर हरे।
धरतीपर आ करके भक्तों के दुख दूर करे॥
जय जय जय जाहरवीर हरे…
जो कोई भक्ति करे प्रेम से हाँ जी करे प्रेम से।
भागे दुख परे विघन हरे, मंगल के दाता तन का कष्ट हरे॥
जय जय जय जाहरवीर हरे…
जेवर राव के पुत्र कहाये रानी बाछल माता।
बागड़ जन्म लिया वीर ने जय-जयकार करे॥
जय जय जय जाहरवीर हरे…
धर्म की बेल बढ़ाई निश दिन तपस्या रोज करे।
दुष्ट जनों को दण्ड दिया जग में रहे आप खरे॥
जय जय जय जाहरवीर हरे…
सत्य अहिंसा का व्रत धारा झूठ से आप डरे।
वचन भंग को बुरा समझकर घर से आप निकरे॥
जय जय जय जाहरवीर हरे…
माड़ी में तुम करी तपस्या अचरज सभी करे।
चारों दिशा से भक्त आ रहे आशा लिए उतरे॥
जय जय जय जाहरवीर हरे…
भवन पधारो अटल क्षत्र कर भक्तों की सेवा करे।
प्रेम से सेवा करे जो कोई धन के भण्डार भरे॥
जय जय जय जाहरवीर हरे…
तन मन धन अर्पण करके भक्ति प्राप्त करे।
भादों कृष्ण नौमी के दिन पूजन भक्ति करे॥
जय जय जय जाहरवीर हरे…
विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर जाहरवीर बाबा की आरती (Jaharveer Baba Ki Aarti) को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें जाहरवीर बाबा की आरती रोमन में–
Read Jaharveer Baba Ki Aarti
jaya jaya jaya jāharavīra hare jaya jaya gūgā bīra hare।
dharatīpara ā karake bhaktoṃ ke dukha dūra kare ॥ jaya jaya ॥
jaya jaya jaya jāharavīra hare…
jo koī bhakti kare prema se hā~ jī kare prema se।
bhāge dukha pare vighana hare, maṃgala ke dātā tana kā kaṣṭa hare।
jaya jaya jaya jāharavīra hare…
jevara rāva ke putra kahāye rānī bāchala mātā।
bāgaḍa़ janma liyā vīra ne jaya-jayakāra kare॥ jaya-jaya ॥
jaya jaya jaya jāharavīra hare…
dharma kī bela baḍha़āī niśa dina tapasyā roja kare।
duṣṭa janoṃ ko daṇḍa diyā jaga meṃ rahe āpa khare। jaya jaya ॥
jaya jaya jaya jāharavīra hare…
satya ahiṃsā kā vrata dhārā jhūṭha se āpa ḍare।
vacana bhaṃga ko burā samajhakara ghara se āpa nikare॥ jaya-jaya ॥
jaya jaya jaya jāharavīra hare…
māḍa़ī meṃ tuma karī tapasyā acaraja sabhī kare।
cāroṃ diśā se bhakta ā rahe āśā lie utare। jaya-jaya॥
jaya jaya jaya jāharavīra hare…
bhavana padhāro aṭala kṣatra kara bhaktoṃ kī sevā kare।
prema se sevā kare jo koī dhana ke bhaṇḍāra bhare॥ jaya-jaya॥
jaya jaya jaya jāharavīra hare…
tana mana dhana arpaṇa karake bhakti prāpta kare।
bhādoṃ kṛṣṇa naumī ke dina pūjana bhakti kare॥jaya-jaya॥
jaya jaya jaya jāharavīra hare…
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