दत्तात्रेय स्तोत्र – Dattatreya Stotram
दत्तात्रेय स्तोत्र परम तेजस्वी स्तोत्र है जिसकी रचना स्वयं देवर्षि नारद ने की थी। इस दिव्य स्तोत्र को पढ़ने से शत्रुओं से मिल रहे संताप का अन्त हो जाता है और सारे शत्रु पराभूत हो जाते हैं। जो व्यक्ति श्रद्धा से दत्तात्रेय स्तोत्र का पाठ करता है वह जीवन के हर मोड़ पर विजय पाता है, नाम-यश और सफलता प्राप्त करता है। दत्त भगवान अपने भक्तों को ज्ञान-विज्ञान देने वाले हैं। अतः जो दत्तात्रेय भगवान के 108 नाम पढ़ता है और साथ ही इस दत्तात्रेय स्तोत्र का पाठ करता है उसका चित्त निर्मल हो जाता है और तत्त्वज्ञान उदित होने लगता है। इतना ही नहीं दत्तात्रेय स्तोत्र का नियमित पाठ पूर्वकृत पापों को ऐसे जला देता है जिस तरह दावानल में सूखी लकड़ियाँ जल जाती हैं। यदि इसे पढ़ने के बाद दत्त आरती का गायन किया जाए तो परिणाम और भी शीघ्रता से प्राप्त होते हैं। पढ़ें दत्तात्रेय स्तोत्र–
जटाधरं पाण्डुराङ्गं शूलहस्तं कृपानिधिम्।
सर्वरोगहरं देवं दत्तात्रेयमहं भजे ॥1॥
अस्य श्रीदत्तात्रेयस्तोत्रमन्त्रस्य भगवान् नारदऋषिः।
अनुष्टुप् छन्दः। श्रीदत्तपरमात्मा देवता। श्रीदत्तप्रीत्यर्थे जपे विनियोगः ॥
जगदुत्पत्तिकर्त्रे च स्थितिसंहार हेतवे।
भवपाशविमुक्ताय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥
जराजन्मविनाशाय देहशुद्धिकराय च।
दिगम्बरदयामूर्ते दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥2॥
कर्पूरकान्तिदेहाय ब्रह्ममूर्तिधराय च।
वेदशास्त्रपरिज्ञाय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥3॥
र्हस्वदीर्घकृशस्थूल-नामगोत्र-विवर्जित।
पञ्चभूतैकदीप्ताय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥4॥
यज्ञभोक्ते च यज्ञाय यज्ञरूपधराय च।
यज्ञप्रियाय सिद्धाय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥5॥
आदौ ब्रह्मा मध्य विष्णुरन्ते देवः सदाशिवः।
मूर्तित्रयस्वरूपाय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥6॥
भोगालयाय भोगाय योगयोग्याय धारिणे।
जितेन्द्रियजितज्ञाय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥7॥
दिगम्बराय दिव्याय दिव्यरूपध्राय च।
सदोदितपरब्रह्म दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥8॥
जम्बुद्वीपमहाक्षेत्रमातापुरनिवासिने।
जयमानसतां देव दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥9॥
भिक्षाटनं गृहे ग्रामे पात्रं हेममयं करे।
नानास्वादमयी भिक्षा दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥10॥
ब्रह्मज्ञानमयी मुद्रा वस्त्रे चाकाशभूतले।
प्रज्ञानघनबोधाय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥11॥
अवधूतसदानन्दपरब्रह्मस्वरूपिणे।
विदेहदेहरूपाय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥12॥
सत्यंरूपसदाचारसत्यधर्मपरायण।
सत्याश्रयपरोक्षाय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥13॥
शूलहस्तगदापाणे वनमालासुकन्धर।
यज्ञसूत्रधरब्रह्मन् दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥14॥
क्षराक्षरस्वरूपाय परात्परतराय च।
दत्तमुक्तिपरस्तोत्र दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥15॥
दत्त विद्याढ्यलक्ष्मीश दत्त स्वात्मस्वरूपिणे।
गुणनिर्गुणरूपाय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥16॥
शत्रुनाशकरं स्तोत्रं ज्ञानविज्ञानदायकम्।
सर्वपापं शमं याति दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥17॥
इदं स्तोत्रं महद्दिव्यं दत्तप्रत्यक्षकारकम्।
दत्तात्रेयप्रसादाच्च नारदेन प्रकीर्तितम् ॥18॥
॥इति श्रीनारदपुराणे नारदविरचितं श्री दत्तात्रेय स्तोत्र सुसम्पूर्णम् ॥
विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर दत्तात्रेय स्तोत्र को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें यह स्तोत्र रोमन में–
Read Dattatreya Stotram
jaṭādharaṃ pāṇḍurāṅgaṃ śūlahastaṃ kṛpānidhim।
sarvarogaharaṃ devaṃ dattātreyamahaṃ bhaje ॥1॥
asya śrīdattātreyastotramantrasya bhagavān nāradaṛṣiḥ।
anuṣṭup chandaḥ। śrīdattaparamātmā devatā। śrīdattaprītyarthe jape viniyogaḥ ॥
jagadutpattikartre ca sthitisaṃhāra hetave।
bhavapāśavimuktāya dattātreya namo’stute ॥
jarājanmavināśāya dehaśuddhikarāya ca।
digambaradayāmūrte dattātreya namo’stute ॥2॥
karpūrakāntidehāya brahmamūrtidharāya ca।
vedaśāstraparijñāya dattātreya namo’stute ॥3॥
rhasvadīrghakṛśasthūla-nāmagotra-vivarjita।
pañcabhūtaikadīptāya dattātreya namo’stute ॥4॥
yajñabhokte ca yajñāya yajñarūpadharāya ca।
yajñapriyāya siddhāya dattātreya namo’stute ॥5॥
ādau brahmā madhya viṣṇurante devaḥ sadāśivaḥ।
mūrtitrayasvarūpāya dattātreya namo’stute ॥6॥
bhogālayāya bhogāya yogayogyāya dhāriṇe।
jitendriyajitajñāya dattātreya namo’stute ॥7॥
digambarāya divyāya divyarūpadhrāya ca।
sadoditaparabrahma dattātreya namo’stute ॥8॥
jambudvīpamahākṣetramātāpuranivāsine।
jayamānasatāṃ deva dattātreya namo’stute ॥9॥
bhikṣāṭanaṃ gṛhe grāme pātraṃ hemamayaṃ kare।
nānāsvādamayī bhikṣā dattātreya namo’stute ॥10॥
brahmajñānamayī mudrā vastre cākāśabhūtale।
prajñānaghanabodhāya dattātreya namo’stute ॥11॥
avadhūtasadānandaparabrahmasvarūpiṇe।
videhadeharūpāya dattātreya namo’stute ॥12॥
satyaṃrūpasadācārasatyadharmaparāyaṇa।
satyāśrayaparokṣāya dattātreya namo’stute ॥13॥
śūlahastagadāpāṇe vanamālāsukandhara।
yajñasūtradharabrahman dattātreya namo’stute ॥14॥
kṣarākṣarasvarūpāya parātparatarāya ca।
dattamuktiparastotra dattātreya namo’stute ॥15॥
datta vidyāḍhyalakṣmīśa datta svātmasvarūpiṇe।
guṇanirguṇarūpāya dattātreya namo’stute ॥16॥
śatrunāśakaraṃ stotraṃ jñānavijñānadāyakam।
sarvapāpaṃ śamaṃ yāti dattātreya namo’stute ॥17॥
idaṃ stotraṃ mahaddivyaṃ dattapratyakṣakārakam।
dattātreyaprasādācca nāradena prakīrtitam ॥18॥
॥ iti śrīnāradapurāṇe nāradaviracitaṃ śrī dattātreya stotra susampūrṇam ॥
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