स्वास्थ्य

काली मिर्च के फायदे – Kali Mirch Ke Fayde in Hindi

इस लेख में जानते हैं क्या हैं काली मिर्च के फायदे और किस तरह काली मिर्च का भरपूर लाभ लिया जा सकता है। साथ ही किन रोगों में यह रामबाण सिद्ध होती है।

परम्परागत भारतीय भोजन मसालों के बिना अधूरा ही माना जायेगा और मसाले भी कितने अलग-अलग स्वाद, सुगंध और रंगत वाले–जिनसे भोजन की लज्जत कई गुना बढ़ जाती है। मसालों के प्रयोग से भोजन की गुणवत्ता भी बढ़ती है और कई तरह के स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं। मसालों की इस श्रेणी में काली मिर्च का अपना अलग महत्व है।

क्या आप जानते हैं काली मिर्च की पैदावार सर्वप्रथम हमारे देश में हुई थी। देश के दक्षिण प्रांत में काली मिर्च की खेती प्रमुख तौर पर होती है और बड़े स्तर पर इसका निर्यात किया जाता है। छोटे-छोटे काले रंग के गोल दानों वाली काली मिर्च का स्वाद तीखा और चरपरा व तासीर गर्म है। खड़े-गर्म मसालों में इसका प्रमुख स्थान है जो इसे मसालों का राजा बनाता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से भी काली मिर्च के अनेकानेक फायदे हैं। दादी-नानी के घरेलू नुस्खों में तो कई छोटी-मोटी बीमारियों का इलाज काली मिर्च ही है। काली मिर्च में विटामिन ए और सी व कारोटोंस के अलावा कई एंटी-ओक्सिडेंट गुण होते हैं। तो आइए, आज हम काली मिर्च के फायदे विस्तार से जानते हैं।

काली मिर्च रखे मिज़ाज बढ़िया

सही पढ़ा आपने। काली मिर्च में पिपराइन होता है, जो तनाव और अवसाद दूर करने में एक तरह से एंटी-डिप्रेसंट का काम करता है। भोजन में अल्प मात्रा में नियमित प्रयोग करें, इसके एंटी-डिप्रेशन तत्व आपके तनाव को कम करने में मदद करेंगे। तनाव को मात देना चाहते हैं, तो मूंगफली का सेवन भी बहुत लाभदायक साबित हो सकता है।

करे हाज़मा दुरुस्त  

काली मिर्च का एक गुण इसके अंदर मौजूद पाचक एंजाइम्स हैं। भोजन में काली मिर्च चूर्ण मिलाकर लेने से भोजन शीघ्र पचता है। हाजमा खराब रहता हो तो खाने के बाद थोड़ी सी पिसी हुई काली मिर्च चूर्ण को सौंफ के साथ चबाएँ। काली मिर्च पावडर सूप और सलाद या रायते में डालकर भी खा सकते हैं। घर का बना बढ़िया चाट मसाला बनाने के लिए काली मिर्च, सेंधा नमक, जीरा और अमचूर को एक साथ पीसकर पावडर बना लें। इसे आप सब्ज़ी और सलाद वगैरह में ऊपर से छिड़क कर खाएँ, खाने का स्वाद कई गुणा बढ़ जाएगा।

दाँतों और मसूड़ों की रक्षक

पुराने समय से ही काली मिर्च का प्रयोग दांतो को स्वस्थ रखने के लिए किया जाता रहा है। काली मिर्च दांतों के कीड़े लगने वाले दर्द से राहत दिलाती है। दाँतों और मसूड़ों में लौंग और काली मिर्च का पेस्ट लगाएँ। लौंग के फायदे तो हम पहले ही बता चुके हैं। काली मिर्च श्वास की दुर्गन्ध भी दूर करता है। अगर मसूड़े कमज़ोर हो गए हों तो काली मिर्च को पीस कर उसका पेस्ट कुछ देर दांतों में लगा रहने दें और फिर कुल्ले कर लें। नियमित उपयोग से लाभ होगा।

पाचन क्रिया में है लाभदायक

अगर आप काली मिर्च का सेवन नियमित रूप से भोजन में करते हैं तो ये आपके पाचन तंत्र से निकलने वाले हाइड्रोक्लोरिक एसिड की मात्रा में सुधार करता है। हाइड्रोक्लोरिक एसिड भोजन को सुचारू रूप से पचाने में मददगार होता है। जिन लोगों को भोजन के बाद खट्टी डकारें आती हों या खाने के बाद पेट फूलता हो, उन्हें भोजन में काली मिर्च डालकर खाना चाहिए। और इसके नियमित सेवन से आंतो की सूजन भी दूर होती है। काली मिर्च पेट की गैस और बदहज़मी में फायदेमंद है। डाहेरिया रोग होने पर अल्प मात्रा में रोजाना लें। इलायची भी पाचन-क्रिया में काफ़ी फ़ायदेमंद है

सुबह खाली पेट काली मिर्च खाने के फायदे

सुबह खाली पेट काली मिर्च खाने के फायदे भी बहुत सारे हैं। इसके दानों की बाहरी परत शरीर के फैट सेल्स को गलाने में मदद करती है, इसलिए इसे एक असरदार चर्बी नाशक माना जाता है। रोज़ सुबह एक गिलास गर्म पानी में काली मिर्च के साथ शहद लें। इसके साथ वजन कम करने के लिए इसे टमाटर सूप और उबली सब्जियों में डालकर खाएँ, कुछ ही दिनों में शरीर की चर्बी घट कर शरीर छरहरा हो जायेगा। इस प्रयोग के साथ अधिक तली-भुनी और वसायुक्त भोजन का त्याग करें तो सोने पे सुहागा होगा। इसी तरह सुबह खाली पेट मेथी का सेवन भी बहुत लाभदायक माना जाता है।

काली मिर्च शरीर के कफ और वात को शांत रखता है और पित्त को सुधारता है, इसीलिए आयुर्वेद पद्धति से पकने वाले भोजन में काली मिर्च का विविध रूप से प्रयोग किया जाता है।

गर्भावस्था में लाभ

गर्भावस्था में भी काली मिर्च के फायदे नज़रअन्दाज़ नहीं किए जा सकते। गर्भ के आरंभ में कई स्त्रियों को भूख ना लगने की समस्या होती है। काली मिर्च में पाया जाने वाला फ्लेवनओइड्स तत्व जीभ की स्वाद ग्रन्थियों को जाग्रत करके भूख जगाता है इसलिए इसका चूर्ण गर्भवती महिलाओं को या जिन लोगों को भूख नहीं लगती, नींबू के साथ देना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान बार-बार उल्टी आने या जी मितलाने की समस्या हो तो नींबू को आग में भून कर उस पर काली मिर्च पीस कर डालकर चूसें, तुरंत आराम मिलेगा।

दूध में काली मिर्च डालकर पीने के फायदे

जानकारों की मानें तो दूध में काली मिर्च डालकर पीने के फायदे अद्भुत हैं। सर्दियों के मौसम में गले में खराश होना या ठंड से गला खराब होना आम समस्या है। इससे निजात पाने के लिए गर्म दूध के साथ काली मिर्च के दानों को पीसकर सेवन करने से बंद गला खुल जाता है। काली मिर्च की तासीर गर्म होने से इसका प्रयोग सर्दी दूर करने और खांसी-जुकाम में बेहद फायदेमंद है।

सर्दियों के मौसम में काली मिर्च के लड्डू भी खूब खाए जाते हैं। आटे को घी में भूनकर उसमे काली मिर्च पावडर और मेवे मिलाकर लड्डू बना लें। रोज़ सुबह एक लड्डू गर्म दूध के साथ लें, सर्दी से होने वाली बीमारियाँ आपसे कोसों दूर रहेंगी। काली मिर्च की चाय पीने से भी सर्दी-जुकाम आदि परेशानियों से निजात मिलती है। अगर गले में दर्द हो तो काली मिर्च चूर्ण को चुटकी भर नमक के साथ फाँक लें, अवश्य लाभ होगा।

पुरानी खांसी से बचाव

बहुत लंबे समय से हो रही खांसी में काली मिर्च का गुड़ के साथ सेवन लाभकारी है। इसे सेवन करने की विधि इस प्रकार है–

  • पहले दिन सिर्फ एक दाना काली मिर्च गुड़ की छोटी डली के साथ लें। ऊपर से गर्म पानी पीएँ।
  • रोजाना दानों की एक-एक कर संख्या बढ़ाते जाएँ।
  • 15 दिनों तक लगातार इसी अनुपात में लें।
  • 15 दिन बाद दानों की संख्या एक-एक कर घटाते जाएँ।
  • ये उपाय करीब एक महीने तक करें।

छोटे बच्चों को खांसी होने पर

छोटे बच्चों की खाँसी में भी काली मिर्च खाने के फायदे हैं। काली मिर्च पीसकर थोड़े से शहद के साथ बच्चे को सोते समय दें, ऊपर से पानी ना पियें। इससे बच्चे के गले में जमा कफ गलकर निकल जाएगा और खांसी से निजात मिलेगी। छोटे बच्चे अक्सर पेट में कीड़े की समस्या से ग्रस्त हो जाते हैं। यदि आप उन्हें भोजन में नियमित काली मिर्च देंगे तो कुछ ही दिनों में कीड़े मल के साथ निकल जायेंगे और बच्चे को आराम आएगा।

हिचकी में दिलाए तुरंत राहत

थोड़ी-सी काली मिर्च को नींबू के साथ नमक और चीनी मिलाकर चाट लें, हिचकी बंद हो जाएगी।

पेशाब में जलन की समस्या का समाधान

मूत्राशय में किसी प्रकार का इंफेक्शन होने पर पेशाब करते वक्त तेज़ जलन का एहसास होता है। इस समस्या के उपचार के तौर पर दही में पका हुआ चावल मिलाकर ऊपर से काली मिर्च का पावडर बुरककर कुछ दिन खाएँ। काली मिर्च के फायदे इस रोग में भी हैं।

बढ़ाए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता

काली मिर्च एक गज़ब का इम्यूनिटी बूस्टर माना जाता है। ये एंटी-बैक्टीरियल है इसलिए कई तरह के रोगों को दूर करने में इसका प्रयोग होता है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए काली मिर्च का सेवन करना चाहिए। शरीर अंदर से मजबूत होगा तो बीमारियाँ पास नहीं आएंगी। इसी तरह एलोवेरा भी एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर है

काली मिर्च और बहुत से अन्य मसाले जैसे हल्दी, अदरक, तुलसी वगैरह के नियमित प्रयोग से शरीर की कोशिकाएँ स्वस्थ रहती है और कैंसर जैसे रोग होने की संभावना कम होती है। हल्दी के फायदे भी अवश्य ही जानने चाहिए।

ब्लड शुगर और कोलस्ट्रोल में लाभकारी

बहूपयोगी काली मिर्च के रोजाना सेवन से ब्लड शुगर नियन्त्रण में मदद मिलती है। साथ ही ये शरीर के कोलस्ट्रोल को भी कम करने में असरदार है। कोलेस्ट्रोल की समस्या में दालचीनी भी बहुत फायदेमंद मानी जाती है। जो लोग काली मिर्च का लम्बे समय से सेवन करते आ रहे हैं उन्हें हृदय सम्बंधी समस्याएँ भी कम होती हैं।  

हमें उम्मीद है कि काली मिर्च के फायदे आप समझ गए होंग और आप शीघ्र ही इसे अपने भोजन व दिनचर्या में स्थान देंगे। हमें टिप्पणी करके ज़रूर बताएँ कि यह लेख आपको कैसा लगा।

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी पथ
error: यह सामग्री सुरक्षित है !!