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मैं शिव का हूं शिव मेरे हैं – Main Shiv Ka Hun Shiv Mere Hain Lyrics

“मैं शिव का हूं शिव मेरे हैं” गीत के बोल (Main Shiv Ka Hun Shiv Mere Hain Lyrics) पढ़ें जिसे लिखा है रविराज ने और अपनी विस्मित करने वाली आवाज़ में गाया है हंसराज रघुवंशी ने–

“मैं शिव का हूं शिव मेरे हैं” पढ़ें

मैं शिव का हूं शिव मेरे हैं
मैं और क्या मांगूं शंकर से
मैं शिव का हूं शिव मेरे हैं
मैं और क्या मांगूं शंकर से

मेरे मन में उनके डेरे हैं
मैं और क्या मांगूं शंकर से
मैं शिव का हूं शिव मेरे हैं

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मैंने बहुत बार खायी ठोकर
गिरते को संभाला है उसने
औकात मेरे से ऊपर ही
कितना कुछ दे डाला उसने

मेरे पार लगाये बेढे हैं
हर वक़्त वो नेढ़े नेढ़े हैं
मेरे दिन बाबा ने फेडे हैं
मैं और क्या मांगूं शंकर से

मैं शिव का हूं शिव मेरें हैं
मैं और क्या मांगू शंकर से

मैं जब से शिव का भक्त हुआ
मेरे दिल से बिदा हुई नफरत

पशु पक्षियों से भी प्रेम हुआ
मासूम सी हो गयी ये फितरत
सब चेहरे उसके चेहरे हैं
उसके ही अँधेरे सवेरे हैं

शिव प्रेम ही मुझको घेरे है
मैं और क्या मांगू शंकर से

मैं शिव का हूं शिव मेरे हैं
मैं और क्या मांगूं शंकर से

भोले ने दिया है ये जीवन
भोले के नाम पे है जीवन
रवि राज के दिल में है शंकर
ऐसे ही नहीं चलती धड़कन

हर सांस पे उनके पहरे हैं
सब रस्ते उनपे ठहरे हैं
मेरे सब दिन रात सुनहरे हैं
मैं और क्या मांगू शंकर से

मै शिव का हूं शिव मेरे हैं
मैं और क्या मांगू शंकर से

सिठाता तेरा चोला काला डोरा
ओ शम्भुआ हाथे शोठीयो
सिठाता तेरा चोला काला डोरा
ओ शम्भुआ हाथे शोठीयो
ओ या हे

मैं शिव का हूं शिव मेरे हैं-२
मैं और क्या मांगू शंकर से ओ

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर यह गीत को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें यह गीत रोमन में–

Read Main Shiv Ka Hun Shiv Mere Hain Lyrics

maiṃ śiva kā hūṃ śiva mere haiṃ
maiṃ aura kyā māṃgūṃ śaṃkara se
maiṃ śiva kā hūṃ śiva mere haiṃ
maiṃ aura kyā māṃgūṃ śaṃkara se

mere mana meṃ unake ḍere haiṃ
maiṃ aura kyā māṃgūṃ śaṃkara se
maiṃ śiva kā hūṃ śiva mere haiṃ

maiṃne bahuta bāra khāyī ṭhokara
girate ko saṃbhālā hai usane
aukāta mere se ūpara hī
kitanā kucha de ḍālā usane

mere pāra lagāye beḍhe haiṃ
hara vaक़ta vo neढ़e neढ़e haiṃ
mere dina bābā ne pheḍe haiṃ
maiṃ aura kyā māṃgūṃ śaṃkara se

maiṃ śiva kā hūṃ śiva mere haiṃ
maiṃ aura kyā māṃgū śaṃkara se

maiṃ jaba se śiva kā bhakta huā
mere dila se bidā huī napharata

paśu pakṣiyoṃ se bhī prema huā
māsūma sī ho gayī ye phitarata
saba cehare usake cehare haiṃ
usake hī a~dhere savere haiṃ

śiva prema hī mujhako ghere hai
maiṃ aura kyā māṃgū śaṃkara se

maiṃ śiva kā hūṃ śiva mere haiṃ
maiṃ aura kyā māṃgūṃ śaṃkara se

bhole ne diyā hai ye jīvana
bhole ke nāma pe hai jīvana
ravi rāja ke dila meṃ hai śaṃkara
aise hī nahīṃ calatī dhaड़kana

hara sāṃsa pe unake pahare haiṃ
saba raste unape ṭhahare haiṃ
mere saba dina rāta sunahare haiṃ
maiṃ aura kyā māṃgū śaṃkara se

maiṃ śiva kā hūṃ śiva mere haiṃ
maiṃ aura kyā māṃgū śaṃkara se

siṭhātā terā colā kālā ḍorā
o śambhuā hāthe śoṭhīyo
siṭhātā terā colā kālā ḍorā
o śambhuā hāthe śoṭhīyo
o yā he

maiṃ śiva kā hūṃ śiva mere haiṃ
maiṃ śiva kā hūṃ śiva mere haiṃ
maiṃ aura kyā māṃgū śaṃkara se o

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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