धर्म

संवारे – Sanware Lyrics – Hansraj Raghuwanshi

संवारे संवारे
मेरे घर आओ कभी
प्यासी हैं जी कबसे अखिया
दर्श दिखाओ कभी

नटखट गोबिंदा नटखट गोपाला
गया चराये बोलो कौन है बाला
नटखट गोबिंदा नटखट गोपाला
गया चराये बोलो कौन है बाला

प्यार की ये भाषा जरा हमें भी सिखाओ कभी
सांवरे सांवरे मेरे घर आओ कभी
प्यासी है जी कबसे अखिया दर्श दिखाओ कभी
सांवरे सांवरे मेरे घर आओ कभी
प्यासी है जी कबसे अखिया दर्श दिखाओ कभी

बचना रे बचना कान्हा रंग लगाये
बरसाना का सभी रास्ता सजाये
माखन मटकी ये अपना बचा लो
मटकी तोड़के नाच नचाये

प्रीत का ये रंग जरा हमें भी लगाओ कभी
सांवरे सांवरे मेरे घर आओ कभी
प्यासी हैं जी कबसे अखिया दर्श दिखाओ कभी
सांवरे सांवरे मेरे घर आओ कभी
प्यासी हैं जी कबसे अखिया दर्श दिखाओ कभी

तुम्हिर लीला कोई समझे ना समझे
माया तुम्हारी से कैसे कोई बच ले
तुम्हिर लीला कोई समझे न समझे
माया तुम्हारी से कैसे कोई बच ले

प्राण जो मैंने तुमको अर्पण किये तो
फिर रंग क्या है ये आब जाके समझे
मीठी मन मोहिनी मुरली मेरे लिए भी बजाओ कभी
सांवरे सांवरे मेरे घर आओ कभी
प्यासी हैं जी कबसे अखिया दर्श दिखाओ कभी

संवारे संवारे
मेरे घर आओ कभी
प्यासी हैं जी कबसे अखिया
दर्श दिखाओ कभी

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर संवारे (Krishna Janmashtami Special Song) भजन को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें यह कृष्ण भजन रोमन में–

Read Sanware Lyrics

saṃvāre saṃvāre
mere ghara āo kabhī
pyāsī haiṃ jī kabase akhiyā
darśa dikhāo kabhī

naṭakhaṭa gobiṃdā naṭakhaṭa gopālā
gayā carāye bolo kauna hai bālā
naṭakhaṭa gobiṃdā naṭakhaṭa gopālā
gayā carāye bolo kauna hai bālā

pyāra kī ye bhāṣā jarā hameṃ bhī sikhāo kabhī
sāṃvare sāṃvare mere ghara āo kabhī
pyāsī hai jī kabase akhiyā darśa dikhāo kabhī
sāṃvare sāṃvare mere ghara āo kabhī
pyāsī hai jī kabase akhiyā darśa dikhāo kabhī

bacanā re bacanā kānhā raṃga lagāye
barasānā kā sabhī rāstā sajāye
mākhana maṭakī ye apanā bacā lo
maṭakī toḍa़ke nāca nacāye

prīta kā ye raṃga jarā hameṃ bhī lagāo kabhī
sāṃvare sāṃvare mere ghara āo kabhī
pyāsī haiṃ jī kabase akhiyā darśa dikhāo kabhī
sāṃvare sāṃvare mere ghara āo kabhī
pyāsī haiṃ jī kabase akhiyā darśa dikhāo kabhī

tumhira līlā koī samajhe nā samajhe
māyā tumhārī se kaise koī baca le
tumhira līlā koī samajhe na samajhe
māyā tumhārī se kaise koī baca le

prāṇa jo maiṃne tumako arpaṇa kiye to
phira raṃga kyā hai ye āba jāke samajhe
mīṭhī mana mohinī muralī mere lie bhī bajāo kabhī
sāṃvare sāṃvare mere ghara āo kabhī
pyāsī haiṃ jī kabase akhiyā darśa dikhāo kabhī

saṃvāre saṃvāre
mere ghara āo kabhī
pyāsī haiṃ jī kabase akhiyā
darśa dikhāo kabhī

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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